खेतों को आग तथा कीटनाशक से दूर रखे
खेतों को आग तथा कीटनाशक से दूर रखकर लाखों-करोड़ों जीवों की हिंसा के पाप से बचा जा सकता है। भारत कृषि प्रधान देश है। यहां पर किसानों के बड़े वर्ग की आय का जरिया कृषि उपज ही है। पेट की अग्नि को अन्न के बिना शांत किया जाना संभव नहीं है। वर्तमान में प्रकृति की मार ने सभी को लाचार कर रखा है। इससे किसान वर्ग भी अछूता नहीं है। यह विचार बुधवार को दिगंबर जैन नन्हें मंदिर में आयोजित मंगल प्रवचनों के दौरान आचार्य विभव सागर महाराज ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं का लगातार आना इस बात का संकेत है कि कहीं न कहीं प्राकृतिक नियमों के विपरीत कार्य किया जा रहा है। खेतों में कीटनाशक के उपयोग तथा नरवाई में लगाई जाने वाली आग से लाखों-करोड़ों जीवों की हिंसा होने का उदाहरण देते हुए कहा कि यह धर्म तथा प्रकृति के विपरीत है। ऐसे में खेतों को आग तथा कीटनाशक से दूर रखकर जीव हिंसा के महापाप से बचते हुए मानव धर्म का पालन भी कर सकते है।
विभवसागर