गन्ने की फसल को खतरा अमेरिकी मूल का विनाशकारी कीट फाल आर्मी वर्म
लॉकडाउन के चलते जहां समूचे देश में मुसीबत खड़ी है तब किसान ने एक बार अहसास कराया कि वह देश की अर्थव्यवस्था की मूल अक्ष हैं।लेकिन ईश्वर भी किसानों की परीक्षा लेता ही रहता है अभी प्रदेश के सभी किसानों का गन्ना चीनी मिल तक पहुंच नही पाया कि गन्ने में एक नई मुसीबत खड़ी हो गई है।
गन्ने की फसल को खतरा पैदा हो गया है। अमेरिकी मूल का विनाशकारी कीट फाल आर्मी वर्म गन्ने की फसल को नुकसान पहुंचा रहा है।
उत्तर गन्ना शोध परिषद के निदेशक डा. जे़ सिंह ने एक नए कीट फॉल आर्मीवर्म का प्रकोप हाल ही में प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्रों में देखने को मिला है। यह कीट मुख्य रुप से अमेरिकी मूल का विनाशकारी कीट है और मुख्य रुप से मक्के की फसल को नुकसान पहुंचाता है, परन्तु मक्का फसल की अनुपलब्धता की दशा में यह गन्ना, ज्वार एवं अन्य फसलों पर आक्रमण करता है। अपने देश में गन्ने की फसल में इस कीट का प्रकोप सर्वप्रथम तमिलनाडु राज्य में देखा गया है।
सौ किलोमीटर तक उड़ता है यह कीट
डा. जे सिंह ने कहा कि इस कीट के प्रौढ़ (वयस्क) तीव्र उड़ान वाले होते हैं, जो भोजन (मेजबान पौधे) की तलाश में 100 किलोमीटर से भी अधिक उड़ सकते है। इस कीट की चार अवस्थायें होती हैं, अण्डा, लार्वा(सूड़ी), प्यूपा एवं वयस्क। इस कीट की एक मादा 1000 से अधिक अण्डे देती है, जो 50-200 के अण्ड समूहों में होते है।
सूड़ी अवस्था में कीट करता ज्यादा नुकसान
फाल फाल आर्मी वर्म कीट के अण्डे से 4-6 दिन में सूड़ी निकलती हैं। सूड़ी अवस्था 14-18 दिन की होती है और इसी अवस्था में यह कीट फसल को नुकसान पहुंचाता है। सूड़ी की त्वचा मुलायम होती है जो बढ़वार के साथ हल्के हरे या गुलाबी से भूरे रंग की होती है। सूड़ी नवजात पौधों की गोंफ को हानि पहुंचाती है तथा बाद में पौधों की पत्तियों की मध्यशिरा को छोड़कर पूरी पत्ती खा जाती है।
इन दवाइयों से होगा कीट पर नियंत्रण
फाल आर्मी वर्म कीट पर नियन्त्रण के लिए निदेशक ने बताया कि क्वीनालफास 25 ई़सी़ दर 800 मिली़ है़ अथवा प्रोफेनोफास 40 प्रतिशत साइपर 4 प्रतिशत दर 750 मिली़ है़ अथवा क्लोरपायरीफास 20 प्रतिशत ई़सी़ दर 800 मिली़ है को 625 मिली़ पानी में घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिए। जे सिंह ने कहा कि इसकी सूड़ी के तीसरे और चौथे इंस्टार द्वारा नुकसान होने पर क्लोरेन्ट्रोनिलिप्रोल 18.5 एस़सी दर 250 मिली़ प्रति हेक्टेयर को 6.25 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करने से कीट को नियन्त्रित किया जा सकता है।