लॉक डाउन में किसानों को भूली सरकार
कोरेना वायरस की माहमारी से आज पूरी दुनिया जूझ रही है यह एक वैश्विक संकट है। दुनिया भर में तमाम देश आज लॉक डाउन हो चुके हैं क्योंकि इस समस्या का समाधन ही घर पर रहना, समाज में दूरी बनाकर रखना है।
कल माननीय प्रधानमंत्री जी ने 21 दिनों का लॉक डाउन किया जिसका हम सभी ने स्वागत किया,
माननीय प्रधानमंत्री जी ने सभी विशेष सेवाओं की छूट दी है जिसमें चिकित्सा, खाने पीने का सामान, दूध, सब्जियां आदि।
लेकिन माननीय प्रधानमंत्री जी ने किसानों के लिए कोई विशेष सूचना नही दी,जबकि इनमें से दो तिहाई वस्तुओं का सम्बंध किसानों से है।
आज एक घटना का बकया समझे एक किसान अपने खेत की बुबाई के लिये अकेले खेत की जुताई करता है तो पुलिस आकर 12000 रुपये प्रति एकड़ जुर्माना लगाने की बात करती है, जो किसान सब्जियों, अनाज, दालो की सप्लाई देगा वह अगर खेत मे काम नही करेगा तो मुसीबत के इस वक्त में लोगों को भोजन कैसे दे पाएगा।
उत्तर भारत में इस समय गेहूँ की फसल तैयार है जो देश का मुख्य खाद्यान्न है उसे काटने के निर्देश माननीय प्रधानमंत्री जी या किसी राज्य के मुख्य मंत्री द्वारा नही किया गया है।
उत्तर प्रदेश में अधिकांश क्षेत्रफल में गन्ने की बुबाई और कटाई बकाया है, जिसका केन्द्र सरकार व राज्य सरकार की ओर से कोई निर्देश नही दिया गया है।
उलटा खेत में काम करने पर किसानों से जुर्माना लगाने की पुलिसिया हरकत ने सरकार को किसानों का दुश्मन सावित कर दिया।बेचारा किसान जो पूरे देश को जब देश ही नही पूरी दुनिया एक भयंकर संकट से गुजर रही है उस समय भी अपनी चिंता न करके लोगों को अनाज, सब्जियां और दूध का उत्पादन कर रहा है। वही किसान कोरेना से नही तो भुखमरी से जरूर मर जायेगा।
एक और घटना जिसमें ग्रामीणों के लिए आटा चक्की तो किसानों के स्वम् के भोजन की तैयारी कर रही थीं उसे पुलिस ने बन्द करा दिया, प्रश्न एक है जब अनाज की सप्लाई शहरों में सरकार करा सकती है तो गरीब किसान अपने अनाज को नही खा सकता है क्या?
किसान हैल्प के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ आर के सिंह ने कहा कि सरकार को किसानों के लिए स्पष्ट निर्देश जारी करने चाहिए, हम किसान हमेशा तैयार है लेकिन यह पुलिसिया रवैया गलत है जब हम किसान खेतों में काम नही करेंगे तो इस संकट की घड़ी में या इसके बाद कैसे लोगों को अनाज खिला पायेंगे।एक तो कुदरत ने किसानों की कमर तोड़ रखी है रही बची कोरेना और बची हुई यह पुलिस वाले।
उन्होंने कोरेना के विषय में लोगों से अपील की है कि घरोँ में रहे सुरक्षित रहें।
उन्हें मछली की स्थिति से तुलना की और कहा
डंडा दिखाओगे तो डर जाएंगे
बाहर निकले तो मर जायेंगे।