दाल

भारत में कई प्रकार की दालें प्रयोग की जाती हैं। दालें अनाज में आतीं हैं। इन्हें पैदा करने वाली फसल को दलहन कहा जाता है। दालें हमारे भोजन का सबसे महत्वपूर्ण भाग होती हैं। दुर्भाग्यवश आज आधुनिकता की दौड़ में फास्ट फूड के प्रचलन से हमारेभोजन में दालों का प्रयोग कम होता जा रहा है, जिसका दुष्प्रभाव लोगों, विशेषकर बच्चों एवं युवा वर्ग के स्वास्थ्य पर पड़रहा है। दालों की सर्व प्रमुख विशेषता यह होती है कि आँच पर पकने के बाद भी उनके पौष्टिक तत्व सुरक्षित रहते हैं। इनमें प्रोटीन और विटामिन्स बहुतायत में पाए जाते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख दालें हैं:

अरहर दाल
मूंग दाल
मूंग साबुत
मूंग छिलका
मूंग धुली
उड़द दाल
उड़द साबुत
उड़द छिलका
उड़द धुली
हरी उड़द
चना दाल
मसूर दाल
मसूर साबुत
मसूर धुली या मलका मसूर
चने
काले चने
काबुली चने या छोले
राजमां
राजमां लाल
राजमां चितरा
राजमां जम्मू या राजमा कश्मीरी
मोठ दाल
लोभिया दाल

लॉक डाउन में किसानों को भूली सरकार

लॉक डाउन में किसानों को भूली सरकार

कोरेना वायरस की माहमारी से आज पूरी दुनिया जूझ रही है यह एक वैश्विक संकट है। दुनिया भर में तमाम देश आज लॉक डाउन हो चुके हैं क्योंकि इस समस्या का समाधन ही घर पर रहना, समाज में दूरी बनाकर रखना है।
कल माननीय प्रधानमंत्री जी ने 21 दिनों का लॉक डाउन किया जिसका हम सभी ने स्वागत किया,
माननीय प्रधानमंत्री जी ने सभी विशेष सेवाओं की छूट दी है जिसमें चिकित्सा, खाने पीने का सामान, दूध, सब्जियां आदि।
लेकिन माननीय प्रधानमंत्री जी ने किसानों के लिए कोई विशेष सूचना नही दी,जबकि इनमें से दो तिहाई वस्तुओं का सम्बंध किसानों से है।

52-55 दिनों में तैयार होने वाली मूंग वैज्ञानिकों ने विकसित की

52-55 दिनों में तैयार होने वाली मूंग वैज्ञानिकों ने विकसित की

52-55 दिनों में तैयार होने वाली मूंग वैज्ञानिकों ने विकसित की 
 देश के कृषि वैज्ञानिकों ने मूंग की ऐसी किस्म विकसित की है जो मात्र 52 से 55 दिनों में तैयार हो जाती है। दलहन की खेती में लगने वाला लंबा समय किसानों द्वारा इसे कम अपनाए जाने के प्रमुख कारणों में से एक है।गे हूं के बाद बुवाई कर  सकेंगे 

नई दिल्ली में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) द्वारा आयोजित राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन (रबी अभियान 2016-17) के मौके पर वैज्ञानिकों द्वारा तैयार की गई आईपीएम 205-07 किस्म जारी की गई। आम तौर पर इस फसल को तैयार होने में 60 से 100 दिन लगते हैं।

मोदी सरकार का किसानों को तोहफा,धान,दलहन समेत14 फसलों की एमएसपी बढ़ाई

मोदी सरकार का किसानों को तोहफा,धान,दलहन समेत14 फसलों की एमएसपी बढ़ाई

2 साल पूरा होने पर मोदी सरकार किसानों को तोहफा दिया  है। दरअसल, सरकार खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि एमएसपी में भारी इजाफा किया है।सरकार दालों की पैदावार बढ़ाने फोकस किया है। इसके लिए खरीफ सीजन में बोई जाने वाली दालों के न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि एमएसपी में जोरदार बढ़ोतरी की गई है। सरकार ने दालों की एमएसपी में करीब 200 रुपये की बढ़ोतरी करने का फैसला लिया है। आज कैबिनेट की बैठक में इसका फैसला हुआ। सरकार ने बुधवार को धान और दलहन समेत कुल 14 फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ा दिए। सरकार खास तौर पर दलहन की पैदावार बढ़ाने पर जोर दे रही है। एमएसपी बढ़ाना उसी दिशा में उठाया गया कदम

खाद्य, तेल और दालों की कमी से जूझेगा देश

चालू रबी सीजन में दलहन व तिलहन की कम पैदावार को देखते हुए सरकार के लिए खाद्य प्रबंधन की चुनौतियां बढ़ गईं हैं। दाल की कमी का खामियाजा उपभोक्ता पहले से ही उठा रहे हैं। अरहर, मूंग व उड़द की दालें आम उपभोक्ता की पहुंच से बाहर हो गई हैं। रबी सीजन में भी इन दलहन फसलों की पैदावार में कमी आने का अनुमान है। खाद्य तेलों की कमी से सब्जियों का छौंका लगाना और महंगा हो सकता है।