हाईकोर्ट की फटकार, आईपीएल से ज्यादा जरूरी हैं किसान
पूरे देश में जहां कुछ दिनों बाद हर तरफ आईपीएल का खुमार हावी होता दिखेगा वहीं महाराष्ट्र के मुंबई और अन्य शहर के लोग इसके रोमांच से वंचित रह सकते हैं। आईपीएल मैचों के दौरान मैदान को तैयार करने में हजारों लीटर पानी की बर्बादी पर मुंबई हाइकोर्ट ने सवाल खड़ा करते हुए बीसीसीआई और क्रिकेट संघों को कड़ी फटकार लगाई है।
हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसे में जब राज्य के कई जिले भयंकर सूखे की मार झेल रहे हैं तब इस तरह हजारों लीटर पानी बर्बाद करने का क्या तुक है। कोर्ट का कहना है कि क्यों न आईपीएल के मैच कहीं ऐसी जगह स्थानांतरित कर दिए जाएं जहां सूखे का संकट न हो।
अदालत ने कहा अगर बीसीसीआई के स्टेडियमों के लिए पानी सप्लाई बंद कर दी जाए तब आप इस दिक्कत को समझ सकेंगे। कोर्ट ने कहा हमारे लिए लोग ज्यादा महत्वपूर्ण हैं आईपीएल के मैच नहीं।
आईपीएल के लिए तैयार किए जाने वाले मैचों में हजारों लीटर पानी बर्बाद होता है जिसे रोकने के लिए एनजीओ लोकसत्ता मूवमेंट की ओर से बांबे हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी।
कोर्ट की फटकार 'ऐसे कैसे पानी बर्बाद कर सकते हैं आप
इस पर सुनवाई करते हुए जस्टिस वीएम कनाडे और एमएस कार्णिक की खंडपीठ ने बीसीसीआई और क्रिकेट ऐसोसिएशन से कहा, आपको पता है महाराष्ट्र में आजकल क्या हालात हैं। ऐसे में आप जिस तरह पानी बर्बाद कर रहे हैं ऐसे कौन करता है, आप इस कदर बेपरवाह कैसे हो सकते हैं।
कोर्ट ने सुझाव दिया, आपको आईपीएल के मैच राज्य के उन जगह स्थानांतरित कर देने चाहिए जहां सूखे की समस्या नहीं है। कोर्ट ने राज्य सरकार को भी निर्देश दिया कि यह उसकी जिम्मेदारी है और वह सूखे की समस्या से निपटने के लिए तत्काल कदम उठाए।
एनजीओ द्वारा दायर की गई याचिका पर कोर्ट गुरुवार को अपना निर्णय सुनाएगी। याचिका में महाराष्ट्र क्रिकेट ऐसोसिएशन, विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन, महाराष्ट्र सरकार, मुंबई और नागपुर की निगम इकाइयों को वादी बनाते हुए आरोप लगाया गया था कि आईपीएल मैचों के दौरान राज्य के तीन क्रिकेट स्टेडियमों की पिचों के रखरखाव के लिए 60 लाख लीटर पानी का इस्तेमाल किया जाएगा।
साभार अमर उजाला