उत्तर प्रदेश के 37 जिलों की 50 फीसदी फसल बर्बाद
बारिश और ओलावृष्टि से सूबे के आधे जिलों की आधी से ज्यादा फसलें चौपट हो गई हैं। राज्य सरकार के निर्देश पर अब तक हुए मौका मुआयना के बाद जो रिपोर्ट सामने आई है उसमें सूबे के 37 जिलों में 50 फीसदी से ज्यादा फसल बर्बाद हो गई है।
इसमें अवध के अंबेडकरनगर और बाराबंकी भी शामिल हैं। आधे से ज्यादा नुकसान वाले जिलों की संख्या अभी बढ़ सकती है क्योंकि अवध के ज्यादातर जिलों की रिपोर्ट कृषि मुख्यालय को अभी तक नहीं मिली है।
कृषि मुख्यालय को मिली रिपोर्ट के अनुसार मार्च में जिन जिलों में 50 मिमी या उससे ज्यादा बारिश हुई है, वहां नुकसान आधे से ज्यादा का हुआ है। सूबे में इस बार 128.07 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में रबी की फसल की बोआई की गई थी। इसमें सबसे ज्यादा 98.66 लाख हेक्टेयर में गेहूं बोया गया था।
बाकी हिस्से में जौ, चना, मटर, मसूर, मक्का, तोरई, राई-सरसों और अलसी की बोआई हुई थी। मार्च में सामान्य से कहीं अधिक बारिश की वजह से तमाम जिलों में किसानों को भारी नुकसान हुआ है।
यहां नष्ट हुई 52 से 70 फीसदी फसल
हमीरपुर में चना, मटर, मसूर, राई-सरसों और अरहर की 52-70 फीसदी तक फसल नष्ट हो गई है। महोबा, बांदा, चित्रकूट और झांसी मंडल के सभी जिलों में भी कमोबेश यही स्थिति है। पश्चिमी यूपी में भी किसानों पर मौसम की बड़ी मार पड़ी है।
संयुक्त निदेशक (सांख्यिकी) राजेश गुप्ता ने बताया कि अभी तक सभी जिलों से रिपोर्ट नहीं मिली है। रिपोर्ट मिलने पर ही सही विश्लेषण सामने आ पाएगा।
रिपोर्ट पर उठे सवाल
लखनऊ में 61 मिमी बारिश लेकिन नुकसान 14 फीसदी तक ही कृषि मुख्यालय की इस रिपोर्ट पर सवालिया निशान लग रहा है। मार्च में लखनऊ में 61 फीसदी अधिक बारिश होने के बावजूद फसल को नुकसान 9-14 प्रतिशत ही दिखाया गया है
अंबेडकरनगर, बाराबंकी, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, मेरठ, बागपत, बुलंदशहर, गौतमबुद्ध नगर, हापुड़, अलीगढ़, हाथरस, आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद, बरेली, बदायूं, शाहजहांपुर, पीलीभीत, बिजनौर, मुरादाबाद, रामपुर, इटावा, औरैया, कानपुर नगर, कानपुर देहात, कौशाम्बी, प्रतापगढ़, जालौन, हमीरपुर, महोबा, बांदा, चित्रकूट, संत रविदास नगर, उन्नाव, हरदोई, लखीमपुर खीरी।
मुआवजा राजस्व गांव में नुकसान के आधार पर ही किसानों को मुआवजा राजस्व गांव में हुए नुकसान के आधार पर मिलेगा। मसलन, किसी जिले में कुल नुकसान 50 फीसदी से कम होने पर भी अगर उस जिले के किसी गांव में नुकसान 50 फीसदी से ज्यादा है, तो किसानों को नियमानुसार मुआवजा दिया जाएगा।
बता दें कि सिंचित जमीन पर 9 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर और असिंचित जमीन पर 4500 रुपये प्रति हेक्टेयर मुआजवा दिए जाने का नियम है।
साभार अमर उजाला