उद्यानिकी और कृषि विभाग ऑनलाइन देंगे सब्सिडी
सब्सिडी में घपले और लेटलतीफी रोकने उद्यानिकी और कृषि विभाग अब ऑनलाइन व्यवस्था अपनाएंगे। दोनों विभाग आवेदन लेने से लेकर राशि जारी करने का काम ऑनलाइन करेंगे। उपभोक्ता को अधिकार होगा कि वो किसी भी अधिकृत एजेंसी से सामग्री खरीदकर बिल प्रस्तुत कर दें। सामग्री के सत्यापन का जिम्मा मैदानी अधिकारियों का होगा। इन्हें तय समयसीमा में ऑनलाइन रिपोर्ट देनी होगी।
मुख्यमंत्री ने विभागीय समीक्षा के दौरान दोनों विभागों की सब्सिडी वाली योजनाओं में गड़बड़ी की बात दौरे के दौरान सामने आने की बात कही थी। चौथी बार कृषि कर्मण अवार्ड मिलने पर मुख्यमंत्री निवास में हुए किसान सम्मान समारोह में भी मुख्यमंत्री ने उद्यानिकी विभाग को व्यवस्था में सुधार करने को कहा था। मुख्य सचिव के सामने भी ऐसे मामले सामने आए थे। इसके मद्देनजर दोनों विभागों ने तय किया है कि सब्सिडी के मामले में अब पूरी व्यवस्था ऑनलाइन रहेगी। सब्सिडी के लिए किसान को आवेदन ऑनलाइन करना होगा।
स्वीकृति की सूचना भी इसी माध्यम से दी जाएगी और सामग्री के लिए कौन सी एजेंसियां अधिकृत हैं, इसकी जानकारी भी ऑनलाइन रहेगी। उपभोक्ता कहीं से भी सामग्री लेकर बिल जमा कर देगा। इसका सत्यापन जिला अधिकारी करेंगे और राशि सीधे खाते में जमा कर दी जाएगी।
प्रमुख सचिव कृषि डॉ.राजेश कुमार राजौरा और प्रमुख सचिव उद्यानिकी अशोक वर्णबाल ने बताया कि ऑनलाइन व्यवस्था के लिए सॉफ्टवेयर तैयार करवाया जा रहा है। इसमें किसान की पूरी कुंडली रहेगी। कोई भी अधिकारी मैदानी दौरे पर जाएगा तो हितग्राही की सूची देखकर भौतिक सत्यापन कर सकेगा। इससे व्यवस्था में पारदर्शिता आएगी और लेटलतीफी भी खत्म होगी। ज्ञात हो कि उद्यानिकी विभाग पॉलीहाउस, ड्रिप एरीगेशन, स्प्रिंकलर सिस्टम तो कृषि विभाग बीज, यंत्र, फसल प्रदर्शन सहित कई योजनाओं में सब्सिडी देता है।
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