छत्तीसगढ़ की 40 तहसीलों में सूखे के हालात

छत्तीसगढ़ की 40 तहसीलों में सूखे के हालात

छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में सूखे की स्थिति को लेकर केंद्र सरकार को पहली रिपोर्ट भेज दी है। रिपोर्ट में यह आशंका जताई गई है कि छत्तीसगढ़ के छह जिलों सहित 40 तहसीलों में सूखे के हालात बन रहे हैं। इन तहसीलों में औसत से कम बारिश होने के कारण खरीफ फसल चौपट होने के कगार पर है। धान की बियासी का कार्य भी प्रभावित हो रहा है। समय पर राहत कार्य नहीं खोले गए तो राज्य से खेतिहर मजदूरों का अन्य राज्यों में पलायन हो सकता है।

गोमूत्र और नीम तेल फसलों का बना रक्षा कवच

गोमूत्र और नीम तेल फसलों का बना  रक्षा कवच

बारिश के मौसम में फसलों पर कीटों और फफूंद का प्रकोप बढ़ जाता है। इन्हें खत्म करने की बाजार में सैकड़ों रासायनिक कीटनाशक उपलब्ध हैं लेकिन आप चाहे तो घर पर भी इसका इंतजाम कर सकते हैं। इससे न सिर्फ आपके पैसे बचेंगे बल्कि फसल पर भी बुरा असर नहीं पड़ेगा।

खरीफ मौसम में जो भी सब्जियां और फसलें बोई जाती हैं उसमे कीट-पतंग,इल्ली और फफूंद का प्रकोप हो जाता है, जिससे फसल और उपज दोनों पर असर पड़ता है। प्रकोपित पौधे बेहतर उत्पादन नहीं दे पाते हैं। बाजार में मौजूद रसायन एक तो काफी महंगे हैं, जो किसान के लिए खेती का खर्च बढ़ा देते हैं दूसरे कई बार इनका फसलों पर असर भी पड़ता है।'

रामतिल की उन्नत खेती

जगनी के नाम से आदिवासी बाहुल्‍य क्षेत्रों में पहचानी जाने वाली फसल रामतिल है। मध्‍यप्रदेश में इसकी खेती लगभग 220 हजार हेक्‍टेयर भूमि में की जाती है तथा उपज 44 हजार टन मिलती है। प्रदेश में देश के अन्‍य उत्‍पादक प्रदेशों की तुलना में औसत उपज अत्‍यंत कम (198 किलोग्राम प्रति हेक्‍टेयर ) है। मध्‍यप्रदेश में इसकी खेती प्रधान रूप से छिंदवाडा , बैतूल, मंडला, सिवनी, डिन्‍डौरी एवं शहड़ोल जिलों में की जाती है।

अच्छे मानसून के बावजूद देश के एक तिहाई हिस्सों में कम बारिश

अच्छे मानसून के बावजूद देश के एक तिहाई हिस्सों में कम बारिश

लगातार दो सूखों के बाद देश में इस साल जाकर सामन्य वर्षा हुई है। हालांकि, सामान्य वर्षा के बाद भी देश का एक तिहाई भाग कम या अल्प वर्षा का सामना कर रहा है।

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार जून से सितम्बर चलने वाले चार महीने के दक्षिण-पश्चिम मानसून के दौरान अगस्त 2016 तक तीन महीनों में देश के 200 से ज्यादा ज़िलों में कम या बहुत कम बारिश हुई।

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