अच्छे मानसून के बावजूद देश के एक तिहाई हिस्सों में कम बारिश
लगातार दो सूखों के बाद देश में इस साल जाकर सामन्य वर्षा हुई है। हालांकि, सामान्य वर्षा के बाद भी देश का एक तिहाई भाग कम या अल्प वर्षा का सामना कर रहा है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार जून से सितम्बर चलने वाले चार महीने के दक्षिण-पश्चिम मानसून के दौरान अगस्त 2016 तक तीन महीनों में देश के 200 से ज्यादा ज़िलों में कम या बहुत कम बारिश हुई।
IMD के पास देश के कुल 641 में से 610 ज़िलों के आंकड़े उपलब्ध हैं। इन आंकड़ों के अनुसार अगस्त तक देश के 389 ज़िलों में सामान्य या सामान्य से ज्यादा बारिश हुई। वहीं 221 ज़िले ऐसे थे जहां बारिश या तो सामान्य से कम या बहुत कम हुई। यानि देश का लगभग 16 प्रतिशत हिस्सा कम वर्षा का सामना कर रहा है।
मानसून का एक महीना ही और बचा है, इस अवधि में कम और बहुत कम वर्षा वाले ज़िलों में आपूर्ति हो पाना संभव नहीं। हाल ही में मौसम विभाग ने ये सूचना भी जारी की थी कि मानसून के लौटने की प्रक्रिया 5 सितम्बर से शुरू हो जाएगी। हालांकि आंकड़ों के मुताबिक 2013 के बाद से ये साल सबसे अच्छी वर्षा का रहा है।
उत्तर-पूर्वी भारत के राज्यों के अलावा कम वर्षा पाने वाले राज्यों में उत्तर भारत के पंजाब, हरियाणा जैसे राज्य भी शामिल हैं। गुजरात, केवल और बिहार भी कम वर्षा पाने वाले राज्य हैं।
कृषि प्रधान ज़िलों में सामान्य वर्षा, खरीफ की बुवाई बढ़ी
अगस्त के खत्म होते-होते देश भर से आए खरीफ की बुवाई के आंकड़े उत्साहवर्धक हैं। देश के ज्यादातर कृषि प्रधान ज़िलों में सामान्य वर्षा होने के चलते, खरीफ बुवाई पिछले साल के मुकाबले पांच प्रतिशत ज्यादा हुई है।