मचान या बाड़ा विधि से करें सब्जियों खेती

मचान या बाड़ा विधि  से खेती करने से किसानों को बहुत से फायदे होते हैं, गर्मियों में अगेती किस्म की बेल वाली सब्जियों को मचान विधि से लगाकर किसान अच्छी उपज पा सकते हैं। इनकी नसर्री तैयार करके इनकी खेती की जा सकती है। पहले इन सब्जियों की पौध तैयार की जाती है और फिर मुख्य खेत में जड़ों को बिना नुकसान पहुंचाये रोपण किया जाता है। इन सब्जियों की पौध तैयार करने से पौधे जल्दी तैयार होते हैं।

गरीबी, भुखमरी, कुपोषण की जड़

गरीबी, भुखमरी, कुपोषण की जड़

गरीबी, भुखमरी, कुपोषण, असमान विकास की उपर्युक्त स्थितियां एक दिन में पैदा नहीं हुई हैं। इसकी जड़ स्वायत्तशासी आत्मनिर्भर ग्रामीण अर्थतंत्र के क्रमिक पतन में निहित हैं। आजादी के बाद पूंजी प्रधान विकास रणनीति अपनाने से विकास क्रम में मानव शक्ति का महत्व गौण हो गया। इसके परिणामस्वरूप भारत के अपने शिल्प, लघु व कुटीर उद्योग, कला और पारंपरिक रूप से चलते आ रहे अन्य धंधे धीरे-धीरे खत्म होने लगे। इन धंधों से ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली अधिकांश जनता को आय होती थी, लोगों की जरूरतें स्थानीय स्तर पर पूरी होती थी और गरीबों का पेट पलता था। इन धंधों के उजड़ने से गरीबों का सहारा छिनता रहा। इससे धीरे-धीर

हरित क्रांति की आग में झुलसते पंजाबी पुत्तर

हरित क्रांति की आग में झुलसते पंजाबी पुत्तर

क्या आपको पता है कि हमारे देश में एक ट्रेन ऐसी भी चलती है, जिसका नाम ‘कैंसर एक्सप्रेस’ है? सुनने में यह बात हतप्रभ करने वाली है, पर यह सच है, भले ही इस ट्रेन का नाम कुछ और हो, पर लोग उसे इसी नाम से जानते हैं। यह ट्रेन कैंसर बेल्ट से होकर गुजरती है। यह ट्रेन भटिंडा से बीकानेर तक चलती है। इसमें हर रोज कैंसर के करीब 70 यात्री सफर करते हैं। जानते हैं यह यात्री कहाँ के होते हैं? पंजाब का नाम तो सुना ही होगा आपने?

निर्यात में बाधा बन रहे रासायनिक तत्व

निर्यात में बाधा बन रहे रासायनिक तत्व

बढ़ते रासायनिक तत्वों के उपयोग से अनाज और फल-सब्जियों की गुणवत्ता पर असर दिखाई दे रहा है। यही वजह है कि विदेशों में अधिकांश मात्रा में उत्पाद निर्यात नहीं हो पा रहा है। विदेशों में अन्य देशों से कृषि उत्पाद खरीदने के लिए अपने अलग-अलग मापदंडड तय किए हैं। इन्हीं मापदंडों को पूरा कर हम यहां के उत्पाद को निर्यात कर सकते हैं। इसके लिए किसान को रासयनिक तत्वों का निर्धारित मात्रा में उपयोग करना होगा।

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