दोगुनी उपज वाली तुअर की रोगमुक्त प्रजाति विकसित

दोगुनी उपज वाली तुअर की रोगमुक्त प्रजाति विकसित

भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान (आईआईपीआर) कानपुर के वैज्ञानिकों ने करीब 7 साल रिसर्च के बाद तुअर की एक नई प्रजाति आईपीए 203 विकसित की है। इसके पौधे किसी भी तरह की बीमारी से मुक्त होंगे। आईआईपीआर ने तुअर के ये खास बीज नेशनल सीड कॉर्पोरेशन और स्टेट सीड कॉर्पोरेशन के साथ बिहार और झारखंड को भी भेजे हैं, ताकि वे अपने यहां किसानो को इस नई प्रजाति आईपीए 203 के बीज उपलब्ध करा सकें। आईआईपीआर के निदेशक डॉ.

हक के इंतजार में किसान

हक के इंतजार में किसान

साल 2016-17 के लिए धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्रति क्विंटल 5100 रुपये होना चाहिए था। इस पर चौंकने की जरूरत नहीं है। वैधानिक रूप से किसानों को इतनी ही राशि मिलनी चाहिए।

किसान हैल्प ने योग भारती के साथ मनाया द्वितीय अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस

किसान हैल्प ने योग भारती के साथ मनाया द्वितीय अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस

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जल संरक्षण एवं प्रबंधन की जरूरत

जल संरक्षण एवं प्रबंधन

20 साल पहले तक बगीचों में अनगिनत पेड़ हुआ करते थे तो आज उनकी संख्या उंगलियों पर गिनी जा सकती है। पेड़ सूख गए तो नए पौधे लगाने की जरूरत नहीं समझी गई। इन्हीं सब का नतीजा है कि जल संकट की समस्या बढ़ती जा रही है। वर्तमान में पीने के पानी से लेकर सिंचाई तक के लिए पानी की सारी जरूरतें धरती से पूरी की जा रही हैं। इसका परिणाम है कि जल स्तर में निरंतर गिरावट आ रही है। निश्चित ही यह चिंता का विषय है।

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