किसानों को 7% ब्याज पर मिलेगा 3 लाख का लोन

सरकार ने चालू वित्त वर्ष में किसानों को चार प्रतिशत ब्याज पर ऋण देने की योजना को मंजूरी प्रदान कर दी है और इसके लिए 18276 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है.

किसानों को चालू वित्त वर्ष में 3 लाख रूपये तक का लघु अवधि फसल ऋण 7 प्रतिशत की घटी ब्याज दर पर मिलेगा। सरकार ने आज 2 प्रतिशत ब्याज सहायता योजना को मंजूरी दे दी। इसके अलावा जो किसान ऋण का भुगतान समय पर करेंगे उन्हें और सस्ती दर यानी 4 प्रतिशत ब्याज पर कर्ज मिलेगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा आज मंजूर ब्याज सहायता योजना के तहत किसानों को 3 लाख रूपये का एक साल की अवधि का ऋण 7 प्रतिशत ब्याज पर मिलेगा। 

जैविक मृदा में जैविक खाद का योगदान

● जैविक खादों के प्रयोग से मृदा का जैविक स्तर बढ़ता है, जिससे लाभकारी जीवाणुओं की संख्या बढ़ जाती है और मृदा काफी उपजाऊ बनी रहती है।
● जैविक खाद पौधों की वृद्धि के लिए आवश्यक खनिज पदार्थ प्रदान कराते हैं, जो मृदा में मौजूद सूक्ष्म जीवों के द्वारा पौधों को मिलते हैं जिससे पौधों स्वस्थ बनते हैं और उत्पादन बढ़ता है।
● रासायनिक खादों के मुकाबले जैविक खाद सस्ते, टिकाऊ तथा बनाने में आसान होते हैं।
इनके प्रयोग से मृदा में ह्यूमस की बढ़ोतरी होती है व मृदा की भौतिक दशा में सुधार होता है।

आपके अनाज में क्यों डाला जा रहा है ज़हर?

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इस्तेमाल का सिलसिला बदस्तूर जारी है. जानकारों का कहना है कि इन कीटनाशकों में से कुछ तो बहुत ही ख़तरनाक हैं और कई देशों में इनके चंगुल से बाहर निकलने के लिए अंतरराष्ट्रीय मदद दी जा रही है. लेकिन उनका कहना है कि कुछ देशों में कीटनाशकों के इस्तेमाल के रोकथाम में मुश्किल हो रही है और भारत में यह एक बड़ी चुनौती है. भारत दुनिया के बड़े कृषि उत्पादकों में से एक है और कृषि रसायनों का एक महत्वपूर्ण निर्यातक भी है. भारत सरकार का कहना है कि उसने नुक़सानदेह रसायनों की रोकथाम के लिए सख्त इंतजाम किए हैं, लेकिन ये जरूरी नहीं कि वह पश्चिमी मानदंडों के अनुरूप हों.

कश्मीर की वादियों के किसानो की समस्यायें होगी दूर केन्द्र करेगा आँकलन

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रियासत में अब कृषि गणना की की जाएगी। यह अभियान पूरे राज्य में जुलाई के पहले सप्ताह से चलेगा। दसवीं कृषि गणना में कृषि संबंधी आंकड़े जुटाए जाएंगे। इसमें प्रत्येक गांव, ब्लाक, तहसील और राज्य स्तर पर कृषि योग्य भूमि, संसाधनों तथा अन्य का ब्योरा इकट्ठा होगा। कृषि गणना के तहत पूरी रियासत में सर्वे होगा। इसमें विभिन्न कैटेगरी के आधार पर भूमि का आंकड़ा लिया जाएगा। मसलन मामूली भूमि, छोटे, मध्यम तथा बड़े खेत। यह जानकारी सामाजिक आधार पर भी ली जाएगी। यह पता लगाया जाएगा कि अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के पास विभिन्न कैटेगरी में कितनी भूमि है। साथ ही महिला और पुरुष के आधार पर भी डाटा एकत्रित होगा।

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