खाद

खाद वनस्पती जगत में पौसण और विकास के काम आने वाले विघतन को खाद कहते हैं ! जैविक रूप में प्रयुक्त जैव पदार्थों को जैविक खाद (Manure) कहते हैं।

यह चार प्रकार की होती है-

  • (१) गोबर खाद (Animal manures)
  • (२) कम्पोस्ट खाद (Compost)
  • (३) हरी खाद (Plant manures)
  • (4) रासायनिक खाद

 

छोटे और मध्यमवर्गीय किसानों के लिए लाभकारी है मल्टीलेयर फार्मिंग

छोटे और मध्यमवर्गीय किसानों के लिए लाभकारी है मल्टीलेयर फार्मिंग

 भारत की अधिकांश जनंसख्या के लिए जीविका का स्त्रोत है. सरकार लगातार अपने अन्नदाताओं (Farmers) को फायदा पहुंचाने के लिए तरह तरह की योजनाओं को लांच करती रहती है. किसानों की आय बढ़ाने के लिए कई तरह के जागरूकता प्रोग्राम भी चलाए जाते हैं. कृषि की ऐसी कई तकनीकहैं जिनसे किसानों की आय को बढ़ाया जा सकता. आज हम आपको ऐसी ही एक तकनीक के बारे में बताएंगे जिससे किसानों की आय (Income) में वृद्धि होगी. इस तकनीक को मल्टीलेयर फार्मिंग (Multilayer Farming) कहते हैं.

 

गन्ना की पैदावार बढ़ाने के लिए बायो फर्टिलाइजर और कंपोस्ट खाद की खरीद पर 50 फीसदी अनुदान

गन्ना की पैदावार बढ़ाने के लिए बायो फर्टिलाइजर और कंपोस्ट खाद की खरीद पर 50 फीसदी अनुदान

बिहार गन्ना उद्योग विभाग की ओर से गन्ना की पैदावार बढ़ाने के लिए बायो फर्टिलाइजर और कंपोस्ट खाद की खरीद पर 50 फीसदी अनुदान दिया जा रहा है. गन्ना की खेती करने वाले किसानों को जैव उर्वरक और कार्बनिक पदार्थों वाली वर्मी कंपोस्ट खाद की खरीद पर 150 रुपये प्रति क्विंटल की दर से अनुदान राशि देने का प्रावधान किया है. एक हेक्टेयर के लिए 25 क्विंटल तक खपत होती है. इस स्कीम का फायदा अधिकतम 2.5 एकड़ यानी 1 हेक्टेयर जमीन पर मिलेगा. इस हिसाब से गन्ना की खेती करने वाला हर किसान अधिकतम 3,750 रुपये का अनुदान ले सकता है. 

लॉकडाउन से छूट, खुली रहेंगी बीज-खाद और कीटनाशकों की दुकानें

लॉकडाउन के दौरान किसान को राहत देते हुए सरकार ने खेती से जुड़े कामों की इजाजत दी है. इसके लिए उर्वरकों की दुकानों और खरीद एजेंसियों को भी छूट दी गई है, जिससे कोरोना वायरस की वजह से देशभर में हुए लॉकडाउन के दौरान किसान खेती कर सकें.

अब खाद सब्सिडी मिलेंगी किसानों के खाते में

अब खाद सब्सिडी मिलेंगी किसानों के खाते में

मोदी सरकार अपने आगामी आम बजट 2020 में किसानों के खाते में खाद सब्सिडी डालने का व्यवस्था कर सकती है. यह भरोसा जताते इफको के प्रबंध निदेशक डॉ यूएस अवस्थी ने यहां फूलपुर इकाई में कहा कि इससे किसान अपनी खाद खरीदने के लिए स्वतंत्र हो जायेगा. उन्होंने कहा कि केन्द्र में मोदी सरकार द्वारा किसान सम्मान निधि के तहत किसानों को 49,000 करोड़ रुपये अब तक वितरित किये जा चुके हैं. इससे साबित हो गया है कि जिन खाद पर सरकार सब्सिडी देती है, उनके लिए प्रत्यक्ष लाभ अंतरण की व्यवस्था हो सकती है.

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