किसानी

लॉकडाउन से छूट, खुली रहेंगी बीज-खाद और कीटनाशकों की दुकानें

लॉकडाउन के दौरान किसान को राहत देते हुए सरकार ने खेती से जुड़े कामों की इजाजत दी है. इसके लिए उर्वरकों की दुकानों और खरीद एजेंसियों को भी छूट दी गई है, जिससे कोरोना वायरस की वजह से देशभर में हुए लॉकडाउन के दौरान किसान खेती कर सकें.

बजट में मिल सकता है किसानों को व्याज रहित ऋण का तोहफा

बजट में मिल सकता है किसानों को व्याज रहित ऋण का तोहफा

किसानों की दुगनी आय करने के लिए केन्द्र में भाजपा सरकार जल्दी ही व्याज रहित ऋण की घोषणा कर सकती है।किसानों को ऋण माफी के स्थान पर व्याज रहित ऋण देने की योजना सरकार बना रही है।
ब्याज मुक्त केसीसी पर तो अभी फैसला होना बाकी है। फिलहाल खेती-किसानी के लिए सबसे सस्ता ब्याज केसीसी से ही मिलता है । सिर्फ 4 फीसदी ब्याज लगता है । कोई भी साहूकार इतने कम रेट पर किसी को कर्ज नहीं दे सकता।

सियासत की फसल, चुनौतियों की खेती

सियासत की फसल, चुनौतियों की खेती

खेती-किसानी को लेकर भले ही सियासत की फसल खूब लहलहा रही हो, लेकिन उत्तराखंड में खेती की हालत बेहद नाजुक हो चली है। आंकड़े इसकी गवाही दे रहे हैं। 12 साल पहले राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में कृषि का योगदान 16.04 फीसद था, जो घटकर अब 8.94 फीसद पर आ गया है। यही नहीं, राज्य गठन से अब तक के वक्फे में 72 हजार हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि बंजर में तब्दील हो गई। हालांकि, गैर सरकारी आंकड़ों में यह संख्या एक लाख हेक्टेयर पार कर गई है। सूबे के पहाड़ी क्षेत्र में खेती आज भी सिंचाई की राह ताक रही है। ऐसे तमाम मामलों के बीच खेती की दशा को सुधारना सरकार के सामने बड़ी चुनौती है।