बरेली
उत्तरी भारत में मध्य उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित बरेली नगर रामगंगा नदी तट पर स्थित है।
1537 में स्थापित इस शहर का निर्माण मुख्यत: मुग़ल प्रशासक 'मकरंद राय' ने करवाया था। यहाँ बाद में इसके आसपास के क्षेत्रों पर नियंत्रण हासिल कर चुके प्रवासी समुदाय के रोहिल्लाओं की राजधानी बना। 1774 में अवध के शासक ने अंग्रेज़ों की मदद से इस क्षेत्र को जीत लिया और 1801 में बरेली की ब्रिटिश क्षेत्रों में शामिल कर लिया गया। मुग़ल सम्राटों के समय में फ़ौजी नगर था। अब यहाँ पर एक फ़ौजी छावनी है। यह 1857 में ब्रिटिश शासन के ख़िलाफ़ हुए भारतीय विद्रोह का एक केंद्र भी था।बरेली नगर रेलवे तथा सड़क मार्ग द्वारा देश के महत्त्वपूर्ण भागों से सम्बद्ध है।
यह शहर कृषि उत्पादों का व्यापारिक केंद्र है और यहाँ कई उद्योग, चीनी प्रसंस्करण, कपास ओटने और गांठ बनाने आदि भी हैं। लकड़ी का फ़र्नीचर बनाने के लिए यह नगर काफ़ी प्रसिद्ध है। इसके निकट दियासलाई, लकड़ी से तारपीन का तेल निकालने के कारख़ाने हैं। यहाँ पर सूती कपड़े की मिलें तथा गन्धा बिरोजा तैयार करने के कारख़ाने भी है।
शिक्षा
- बरेली में एम. जे. पी. रोहेलखंड विश्वविद्यालय है, जिसकी स्थापना 1975 में की गयी थी।
- बरेली कॉलेज, जिसकी स्थापना 1837 में की गयी थी स्थित हैं।
- इंडियन वेटेनरी रिसर्च इंस्टिट्यूट इज़्ज़तनगर उपनगरीय क्षेत्र में स्थित है।
पर्यटन
माना जाता है कि बरेली के पास स्थित प्राचीन दुर्ग नगर अहिच्छत्र में बुद्ध का आगमन हुआ था।
जनसंख्या
2001 की जनगणना के अनुसार बरेली नगरनिगम क्षेत्र की जनसंख्या 6,99,839 है; उपनगर की जनसंख्या 27,953 और ज़िले की कुल जनसंख्या 35,98,701। है।
kisanhelp की शुरूआत भी इसी (चठिया ) बरेली जिले से हुई
उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए लता वर्गीय सब्जियों के बीज पर 100% अनुदान
Submitted by Aksh on 20 February, 2016 - 19:12उपनिदेशक उधान बरेली मण्डल द्वारा बरेली मण्डल के जनपद बरेली , पीलीभीत ,बदायुं एवं शाहाजहाँपुर में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंर्तगत वर्ष 2015 -16 में किर्यन्वन हेतु नर्सरी सीडिंग इनलो टनल पौली नेट एंड प्रोडक्शन आफ हाई वैल्यू वैजीटेबलस परियोजना संचालित हो रही है यह योजना पूरे प्रदेश के किसानों के लिए उपलब्ध है उपनिदेशक उधान बरेली मण्डल ने योजना की जानकारी देते हुए बताया की इस योजना के अंतर्गत जायद मौसम में लता वर्गीय लौकी , तोरई ,करेला ,खीरा आदि का वितरण किया जायेगा इस योजना के अंर्तगत किसान भाइयों द्वारा मन पसंद बीज खरीदने की आजादी होगी तथा उसकी रसीद उद्यान विभाग कार्यालयों पर जमा कर दे
मेंथा यानी पिपरमिंट : यूपी ने अकेले पछाड़ दिया चीन को
Submitted by Aksh on 22 April, 2015 - 23:31ताकत, शोहरत और बाजार में सस्ते उत्पादों के दम पर चीन की चौधराहट का डंका भले ही दुनिया भर में रहा हो, लेकिन एक मामले में भारत क्या वह उत्तर प्रदेश के सामने ही घुटने टेक चुका है। मेंथा ऑयल के उत्पादन में दशकों तक ग्लोबल मार्केट में धाक रखने वाला चीन आज भारत के सामने बौना साबित हो चुका है। अकेले यूपी में पूरे देश का 92 फीसदी मेंथा का उत्पादन होता है। विश्व के कुल निर्यात मार्केट में इसकी 86 फीसदी हिस्सेदारी है।
आंचलिक कृषि मेले के तीसरा दिन
Submitted by Aksh on 20 March, 2015 - 10:20भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) इज्जतनगर में आयोजित उत्तर क्षेत्रीय आंचलिक कृषि मेले के तीसरे दिन ग्रामीण महिलाओं की चारा कटाई प्रतियोगिता आकर्षण का केंद्र रही। दो-दो महिलाओं के दो सौ ग्रुप ने इस प्रतियोगिता में भरपूर उत्साह के साथ भाग लेकर पांच किलो पूले का चारा काटने में देर नहीं लगाई। मशीन पर महज 22 सेकेंड में चारा काट देने वाली मुडिया गांव की कमला और सविता की जोड़ी ने प्रथम पुरस्कार हासिल किया। अब्दुल्लापुर की सोमवती और धनदेवी ने 26 सेकेेंड में चारा काट कर दूसरा तथा रूपापुर गांव की महिमा और मंजू ने 31 सेकेंड में चारे की कटाई करके तीसरा पुरस्कार जीता।