पारा गिरानें से आई किसानों के चेहरों की मुस्कान

पारा गिरानें से आई किसानों के चेहरों की मुस्कान

लगातार दो बार कमज़ोर मानसून की मार झेलने के बाद और इस बार अधिक ठंड ना पड़ने के कारण परेशान किसानों ने लगता है उम्मीद का दमन छोड़ा नहीं है। मौजूदा समय में लगातार तापमान बढ़ने से किसानों को रबी की फसल को लेकर चिंता सताने लगी थी लेकिन जब तापमान में गिरावट आई और ठिठुरन बढ़ी तो उनके चेहरों पर रौनक लौट आई है। गौरतलब है कि गेहूं जैसी मुख्य फसलों के लिए ज्यादा सर्दी की जरूरत होती है। माना ये जाता है कि सर्दी जितनी अधिक होगी, गेहूं की पैदावार उतनी ही बेहतर होती है।

 

बदले मौसम से रबी फसलों को राहत

बदले मौसम से रबी फसलों को राहत

 मकर संक्रांति के बाद मौसम के बदले मिजाज ने रबी फसलों की आस बढ़ा दी है। पिछले दो दिनों में बढ़ी सर्दी से रबी फसलों को भारी राहत मिली है।मौसम के बिगड़े तेवर का असर रबी फसलों पर पड़ने लगा है।

दिसंबर से मध्य जनवरी तक बढ़ी गरमी ने किसानों के होश उड़ा दिये थे। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात के असिंचित क्षेत्रों में मिट्टी में नमी की कमी के चलते गेहूं की बुवाई नहीं हो पाई है।

सिक्किम बना देश का पहले जैविक राज्य

सिक्किम बना देश का पहले जैविक राज्य

सिक्किम देश का पहला पूरी तरह जैविक राज्य बन गया है। राज्य में करीब 75 हजार हैक्टेयर कृषि भूमि में सिर्फ टिकाऊ खेती होने लगी है। सिक्किम के जैविक मिशन के कार्यकारी निदेशक डॉ. अनबालागन ने बताया कि दिसंबर के अंत में राज्य ने पूर्ण जैविक राज्य का दर्जा हासिल कर लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 18 जनवरी को गंगटोक में टिकाऊ खेती सम्मेलन में इसका औपचारिक रूप से एलान करेंगे।

ऐसे होने लगी जैविक खेती

किसानों के लिए कम प्रीमियम पर मिलेगा फसल बीमा योजना

किसानों के लिए कम प्रीमियम पर मिलेगा फसल बीमा योजना

बुधवार को कैबिनेट की बैठक के बाद नई फसल बीमा योजना को मंजूरी मिल गई है। इस योजना को मंजूरी मिलने के साथ इस योजना से किसानों पर प्रीमियम का भार कम पड़ेगा साथ ही नुकसान को दावों पर भी तेजी से निपटारा किया जा सकेगा। इसके तहत फसल का नुकसान होने पर किसानों को दावे की 25 फीसदी राशि तुरंत मिल जाएगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कई बिलों पर चर्चा हुई जिसमें से नई फसल बीमा योजना सबसे अहम है। इसमें किसानों को राशि का सिर्फ 2.5 फीसदी हिस्सा देना होगा और फसल का नुकसान होने पर 25 फीसदी राशि तुंरत मिल जाएगी।

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