धान पर टिड्डियों का हमला

धान पर टिड्डियों का हमला

पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) के माहिरों को सर्वेक्षण में पता चला है कि धान और बासमती के कुछ खेतों में टिड्डियों का हमला हुआ है।

माहिरों ने सलाह दी है कि पीएयू की सिफारिशों के अनुसार इस हमले को रोकने के लिए फसलों पर दवा का छिड़काव किया जाए।

 

पंजाब में सफेद पीठ और भूरी पीठ वाला टिड्डा धान की फसल का नुकसान करता है। यह टिड्डे पौधे के तने के पास ही रस चूसते हैं और अक्सर दिखाई नहीं देते। इनके हमले से पौधे के पत्ते ऊपरी तरफ से पीले पड़ने शुरू हो जाते हैं और धीरे धीरे सारा पौधा सूख जाता है। 

 

भारत में जीएम सरसों पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

 भारत में जीएम सरसों पर  सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

किसानों के लिए बड़ी खबर है। जीएम सरसों अब बाजार में नहीं आएगी। सुप्रीम कोर्ट ने भारत में जीएम सरसों के बीजों को बाजार में लाने से रोक लगा दी है। जेनेटिकली मॉडिफाइड सरसों का बीज 17 अक्टूबर को बाजार में लॉन्च होनी थी।

पशु में फैलती महामारियां

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पशु में फैलती महामारियां

हो सकता है बरसों पहले इंग्लैंड में फैला मैडकाउ रोग आपको याद हो। इस बीमारी (बीएसई) ने गायों के मानसिक संतुलन को पागलपन की हद तक बिगाड़ दिया था, इसलिये इसे पागल गाय रोग कहा गया है। इस रोग की वजह से लाखों गाय-बछड़ों का बेरहमी से मार डाला गया था। माना जाता है कि यह रोग इसलिए फैला कि गायों को उन्हीं की हड्डियों, खून और अन्य अवशेषों का बना हुआ आहार खिलाया गया। आधुनिक बूचडख़ानों में गायों आदि को काटने के बाद मांस को तो पैक करके बेच दिया जाता किन्तु बड़े पैमाने पर हड्डियां, अंतडिय़ां, खून आदि का जो कचरा बचा, उसको ठिकाने लगाना एक समस्या हो गया।  इस समस्या से निपटने का एक तरीका यह निकाला गया है कि इस क

केले के थंब के रेशे से होगा कागज निर्माण

केले के थंब के रेशे से होगा कागज निर्माण

बिहार में जल्द ही केले के थंब से कागज निर्माण शुरू होगा। शुरुआती चरण में केले के अधिक उत्पादन वाले आधा दर्जन से अधिक जिलों में उद्योग लगेंगे। बाद में अन्य जिलों में भी केले की खेती बढ़ा कर इस पर अमल किया जाएगा। उद्योग लगाने में भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर (बार्क), मुम्बई के वैज्ञानिकों से सहयोग लिया जा रहा है।

 

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