छोटे किसान भी कर सकेंगे फूल-सब्जियों की खेती
भोपाल-इंदौर कारीडोर से लगी जमीनों पर पॉली हाउस और शेडनेट हाउस में फूल और सब्जियों की खेती के लिए किसानों की तरफ से रुचि नहीं दिखाने के बाद उद्यानिकी विभाग ने दोबारा से कॉरीडोर में फूलों की खेती करने के प्रयास शुरू किए हैं। विभाग ने लक्ष्य पूरा करने के लिए खेती का रकबा कम कर दिया है, जिससे छोटे किसान भी इस योजना का लाभ ले सकते हैं।
उद्यानिकी विभाग ने पिछले साल भैंसाखेड़ी से सीहोर सीमा तक सड़क के दोनों किनारों पर किसानों को पॉली हाउस में फूल और सब्जियों की खेती के लिए प्रेरित किया था। इसके तहत सड़क के दोनों ओर दो किलोमीटर अंदर तक आने वाली जमीनों के लिए आवेदन मांगे थे। इस दौरान सिर्फ एक किसान ने रुचि दिखाई थी।
दोबारा बुलाए आवेदन
सहायक संचालक, कृषि डॉ. आशा उपवंशी वासेवार ने बताया कि कॉरीडोर में फूल और सब्जियों की खेती के लिए उद्यानिकी विभाग ने किसानों से दोबारा आवेदन मांगे हैं। इसमें 500 से लेकर 4000 वर्ग मीटर रकबे वाले किसानों को शामिल किया जाएगा। किसानों को इस खेती से किसी तरह का नुकसान न हो इसके लिए फसल का बीमा कराने की योजना है। इसके तहत सड़क किनारे जरबेरा, डचरोज और कारनेशन सहित अन्य प्रजातियों के फूलों की खेती कराई जाएगी।
ऐसे मिलेगा लाभ
कॉरीडोर में संरक्षित खेती के तहत नेट हाउस, पॉली हाउस खेती को शामिल किया गया है। इसमें 500 स्क्वायर मीटर से लेकर चार हजार स्क्वेयर मीटर (एक एकड़) में पॉली हाउस बनाया जाएगा। एक पॉली हाउस की लागत करीब 844 रुपए प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से आती है। पॉली हाउस बनाने की लागत का 50 फीसदी किसानों को शासन की ओर से दिया जाता है। इसके अतिरिक्त बची 50 फीसदी राशि के लिए बैंक से लोन लेने में विभाग किसानों की मदद करेगा।
साभार नई दुनिया