इल्ली का जैविक कीटनाशक द्वारा इलाज
इल्ली का इलाज
इल्ली आदि को नियंत्रित करने के लिए बैसिलस थुरिन्जियेन्सिस जीवाणुवीय प्रकृति का जैव कीटनाशक है जो कि लेपीडोप्टेरा, डिप्टेरा व कोलियोप्टेरा वर्ग के कीटों को नियंत्रित करता है । मेटाराजियम एनीसोप्ली कवकीय प्रकृति का जैव कीटनाशक है जो कि हानिकारक कीटों की क्यूटिकल पर संक्रमण कर उसे नष्ट कर देता है । इस प्रकार मित्र कीटों को हानि पहुंचाये बिना ही नुकसानदायक कीटों को आसानी से नष्ट किया जा सकता है । इसी प्रकार कई किस्म के पौध जीवकीटनाशीयों जैसे नीम का कीटनाशी के रूप में प्रयोग, लहसुन व मिर्च का घोल, राख, करंज की खली आदि के उपयोग से भी दीमक, टिड्डी, माहो, फौजी कीट, चने व तम्बाकू की इल्ली, भंडारण के कीटों व रस चूसने वाले कीटों का नियंत्रण किया जा सकता है । इन जैविक कीटनाशकों के उपयोग से पर्यावरण व पारिस्थितिकी तंत्र का संतुलन बना रहता है । साथ ही इन जैविक कीटनाशकें के प्रयोग के तुरंत बाद फल, सब्जियों व अन्य कृषि उत्पादों को उपयोग में लाया जा सकता है व रासायनिक कीटनाशकों की खपत को कम किया जा सकता है ।
इल्ली का घरेलू इलाज
80 मि.ली. नीम का तेल प्रति 15 ली. पानी में मिला कर स्प्रे करें 1 एकड़ में लगभग 45 से 50 ली. पानी के साथ लगभग 250 मई.ली. नीम का तेल प्रयोग करें इसका 10-15 दिन के बाद दुवारा प्रयोग करें
या 5ली. देशी गाय के मठ्ठे में 2 किलो नीम की पट्टी १०० ग्राम तम्बाकू की पट्टी 1 किलो धतूरे की पट्टी को 2 ली. पानी के साथ उबालें जब पानी 1 ली . बचे तो ठंडा करके छान के मठ्ठे में मिला ले १४० ली पानी के साथ (यह पूरे घोल का अनुपात है आप लोग एकड़ में जितना पानी लगे उस अनुपात में मिलाएं ) छिद्काब कर दे
या 500 ग्राम हरी मिर्च २५० ग्राम लहसुन 15 ग्राम हींग को मिला कर १५० ली. पानी के साथ 1 एकड़ में स्प्रे करें
इसके 5 से 8 दिन बाद 90 ग्राम एमिनो एसिड 150 ग्राम बायो फोल्विक एसिड 150 ग्राम पोटेशियम होमोनेट तथा 1 किलो यूरिया आवयकता अनुसार पानी मिला कर 1 एकड़ में स्प्रे करें
Radha kant