राज्य

राज्य (state) उस संगठित इकाई को कहते हैं जो एक शासन (सरकार) के अधीन हो। राज्य संप्रभुतासम्पन्न (sovereign) हो सकते हैं। इसके अलावा किसी शासकीय इकाई या उसके किसी प्रभाग को भी 'राज्य' कहते हैं, जैसे भारत के प्रदेशों को भी 'राज्य' कहते हैं।

राज्य आधुनिक विश्व की अनिवार्य सच्चाई है। दुनिया के अधिकांश लोग किसी-न-किसी राज्य के नागरिक हैं। जो लोग किसी राज्य के नागरिक नहीं हैं, उनके लिए वर्तमान विश्व व्यवस्था में अपना अस्तित्व बचाये रखना काफ़ी कठिन है। वास्तव में, 'राज्य' शब्द का उपयोग तीन अलग-अलग तरीके से किया जा सकता है। पहला, इसे एक ऐतिहासिक सत्ता माना जा सकता है; दूसरा इसे एक दार्शनिक विचार अर्थात् मानवीय समाज के स्थाई रूप के तौर पर देखा जा सकता है; और तीसरा, इसे एक आधुनिक परिघटना के रूप में देखा जा सकता है। यह आवश्यक नहीं है कि इन सभी अर्थों का एक-दूसरे से टकराव ही हो। असल में, इनके बीच का अंतर सावधानी से समझने की आवश्यकता है।

वैचारिक स्तर पर राज्य को मार्क्सवाद, नारीवाद और अराजकतावाद आदि से चुनौती मिली है। लेकिन अभी राज्य से परे किसी अन्य मज़बूत इकाई की खोज नहीं हो पायी है। राज्य अभी भी प्रासंगिक है और दिनों-दिन मज़बूत होता जा रहा है।

भारतीय राजनीतिक चिन्तन में 'राज्य' के सात अंग गिनाये जाते हैं-

पशु खरीदी पर अनुदान देने वाला छत्तीसगढ़ पहला राज्य

पशु खरीदी पर अनुदान

छत्तीसगढ़ राज्य देश का पहला राज्य है, जो 12 लाख का पशु खरीदने पर 6 लाख की सब्सिडी दे रहा है। समय के साथ किसानों को अपनी अतिरिक्त आय बढ़ानी चाहिए। छोटे व मंझोल किसानों की आय दोगुनी करनी है। कृषि क्षेत्र में सरकार अनुदान दे रही है। पशुपालन, उद्यानिकी से जुड़कर अपनी आय बढ़ाए। यह बातें कृषि, पशुपालन, मछली पालन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने शनिवार को राज्यस्तरीय पशु प्रदर्शनी, कृषक सम्मेलन, पशुपालक सह चरवाहा प्रशिक्षण कार्यक्रम में कही।