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जैविक खेती ग्लोबल वार्मिंग से निपटने के लिए सटीक विकल्प है

जैविक खेती ग्लोबल वार्मिंग से निपटने के लिए सटीक विकल्प है

ग्लोबल वार्मिंग की समस्या आज  सुरसा राक्षसी का रूप लेकर सम्पूर्ण विश्व पर हावी है आज विश्व का प्रत्येक देश इस समस्या का समाधान ढूढ़ विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि दुनिया ने जिस तरह कृत्रिम विकास किया, वैसे ही समस्या से निपटने के कृत्रिम उपाय ढूंढे जा रहे हैं। ग्लोबल वार्मिंग से निपटने भारतीय जीवनशैली की ओर लौटना ही अंतिम विकल्प है।

ग्लोबल वार्मिंग से निपटने के तरीकों पर विचार के लिए 'ग्लोबल वार्मिंग एंड क्लाइमेट चेंज" विषयक हुई संगोष्ठी में किसानों की आत्महत्या पर चिंता सामने आई। ऐसी अकाल मौतें रोकने सही रणनीति की जरूरत महसूस की गई।

जैविक खेती देश और दुनिया की जरूरतः डॉ.रमन

जैविक खेती आज देश और दुनिया की जरूरत बन गई है। पैदावार बढ़ाने के लिए रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के अत्याधिक उपयोग के दुष्परिणाम अब सामने आने लगे है। समय आ गया है कि हम सचेत हो जाएं और जैविक खेती को अपनाने के लिए आगे बढ़ें। यह बातें मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह ने सोमवार को इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के सभाकक्ष में दो दिवसीय जैविक छत्तीसगढ़ 2015 राष्ट्रीय सम्मेलन एवं प्रदर्शन का शुभारंभ करते हुए कही।

जैविक खाद बनाना कैसे सीखे

जैविक खाद

बढ़ती आधुनिकता और ग्लोबल वार्मिंग ने जिन नई-नई बीमारियों को जन्म दिया है, उसमें रासायनिक खादों का बहुत बड़ा हाथ है। ऐसे में जैविक खादों का उपयोग अत्यंत जरूरी हो जाता है। एक दौर में खेती को  बढ़ावा देने और अनाज की अधिक उपज के लिए जो वैज्ञानिक उर्वरक खादों के उपयोग पर जोर देते थे, वही वैज्ञानिक आज अनेक बीमारियों से बचने के लिए फसलों में जैविक खादों के प्रयोग पर बल दे रहे हैं। एक आंकड़े के अनुसार देश में पौष्टिक तत्वों की कुल खपत में रासायनिक खादों से उगाए गए खाद्य बाजारों में अधिक मात्रा में उपलब्ध हैं। हरित क्रांति के बाद के युग में बहु पौष्टिक तत्वों में तकरीबन अस्सी प्रतिशत की कमी आई है। औ

ऊर्जा से भरपूर भोजन के लिए खेतों में पोषक तत्व जरूरी

ऊर्जा से भरपूर भोजन के लिए खेतों में पोषक तत्व जरूरी

थाली में ऊर्जा से भरपूर भोजन के लिए खेती को भी भरपूर पोषक तत्व मिलना जरूरी है, लेकिन ऐसा हो नहीं पा रहा। नतीजा मानव को बीमारियां घेर रही हैं। यह विचार शुक्रवार को दीनदयालधाम स्थित मधुकर सभागार में आयोजित ‘मेरा गांव मेरा गौरव’ प्री रवि किसान गोष्ठी में वैज्ञानिकों ने व्यक्त किए।

केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान करनाल हरियाणा के निदेशक डॉ. डीके शर्मा ने खेतों को थाली में रखे भोजन से जोड़ कर किसानों को जमीन, जल और वायु को बेहतर बनाने के सहयोग में जुटने को कहा। उन्होंने कहा, थाली में रखे भोजन में पोषक तत्वों की कमी के कारण ही बीमारियां मानव को घेर रहीं हैं। 

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