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बैंक खाते में सीधे जाएगी बीज सब्सिडी

sucidy

रबी सीजन में उन्नत बीजों पर दी जाने वाली सब्सिडी सीधे किसानों के खाते में भेजी जाएगी। रबी सीजन की फसलों के उन्नत किस्म के बीजों पर सब्सिडी का भुगतान परंपरागत तरीके से किया जाता है। बीज वितरण की इस पुरानी प्रणाली से न तो किसान खुश हैं और न ही बीज कंपनियां। स्टाफ की कमी से जूझ रही राज्य सरकारों के लिए भी बीज वितरण एक कठिन चुनौती है। इन्हीं मुश्किलों व चुनौतियों को देखते हुए केंद्र सरकार ने सब्सिडी वाले बीज वितरण प्रणाली को पारदर्शी बनाने का फैसला किया है। इसी के तहत बीजों पर दी जाने वाली सब्सिडी सीधे संबंधित किसानों के बैंक खातों में भेजी जाएगी। सरकार के इस फैसले से किसानों को सीधे लाभ मिलने

खरीफ के लिए नही चली नहर, बारिश के भरोसे किसान

खरीफ के लिए नही चली नहर, बारिश के भरोसे किसान

खरीफ फसलों को बचाने नहर में पांच दिन पानी चलाने के बाद नहर बंद कर दी गई है। किसान अब बारिश के भरोसे हैं। मालूम हो कि देश में लगभग 55000 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ फसलें बोई गई थी जिनमें से 70 प्रतिशत फसलें अल्प वर्षा के कारण सूख गईं। अल्प वर्षा से खेतों में सूख रही फसलों को बचाने नहर में पानी छोड़ने किसी प्रदेश की सरकार ने ध्यान नही दिया  सिंचाई विभाग रवी सीजन के लिए नहर में पानी चलाने की तैयारी में जुट गया है। सिचाई विभाग के अनुसार रवी फसलों के लिए नहर में पानी छोड़ा जाएगा।

रासायनिक उर्वरकों का विकल्प गोमूत्र और खाद

रासायनिक उर्वरकों का विकल्प गोमूत्र और खाद

लोग जैविक कृषि उत्पादों के उपयोग के प्रति जागरूक हो रहे हैं। कीटनाशकों और रासायनिक उर्वरकों के बढ़ते उपयोग से हमने चावल, दाल, सब्जियों और फलों को भी विषैला बना लिया है। आज खाद्य पदार्थों में विषैले रसायनों की मौजूदगी का कुप्रभाव कैंसर के बढ़ते मामलों के रूप में सामने आ रहा है। कीट नाशकों और रायायनिक उर्वरकों का बेहतर विकल्प गौ मूत्र और गोबर की खाद तथा जैविक खाद है।

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