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तापमान बना किसानो का दुश्मन रोकी रबी की फसल की बुबाई

तापमान बना किसानो का दुश्मन  रोकी रबी की फसल की बुबाई

मानसून के अभाव में पीली या सूख चुकी धान की फसल के बाद अंचल के किसानों को रबी की फसल से उम्मीद थी। लेकिन अक्टूबर माह में पड़ रही तेज गर्मी के चलते रबी की फसल में भी रुकावट आ रही है। किसान रबी की फसलों की बोवनी नहीं कर पा रहें है। जबकि अक्टूबर माह से धान की कटाई के बाद किसान सरसों, गेहूं, चना, मसूर और मटरा की खेती में जुट जाते हैं, लेकिन आधा माह निकलने के बाद भी बढ़े तापमान के कारण बोवनी शुरू नहीं की जा सकती है। कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को नमी होने पर ही बोवनी करने की सलाह दी है। 

खेती की कम करे लागत कैसे करें तेल की बचत

वाटर फॉर

किसान हेल्प लाइन के किसान जागरूपता कार्यक्रम में किसानो को खेती की बदती लागत को कम करने के बारे जानकारिय दी गयी और खेती में सबसे उपयोगी घटक पानी की बचत करने के गुर बताये गए हमारे अनुभाबी टीम ने किसानो से को बताया कि खेती में खनिज तेल की बहुत ज्यादा खपत है. तेल के दाम दिन प्रतिदिन बढते ही जा रहे है अतः यह आवश्यक हो गया है की इनका उपयोग किफ़ायत के साथ किया जाए. किसान भाइयो को ट्रेक्टर और इंजनों में डीजल की खपत कम करने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए. ये बातें निम्न हैं:

सिंचाई के साधन वाले किसान नवम्बर का करें इंतजार

सिंचाई के साधन वाले किसान नवम्बर का करें इंतजार

सिंचित क्षेत्र के किसान थोड़ा इंतजार करते हुए गेहूं की बुआई नवम्बर व दिसबंर माह तक करें, क्योंकि उचित समय पर बुआई करने से उत्पादन तो अधिक होता ही है। साथ ही फसल पर रोग व कीटों का प्रकोप कम होता है।

वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ. राजीव उमठ बताते हैं कि प्रदेश में गेहूं रबी की प्रमुख फसल है परंतु इसका औसत प्रति हेक्टेयर उत्पादन विगत वर्षों में अन्य वर्षों की तुलना में काफी कम है। यदि उन्नत बीज समय से सिंचाई, खाद एवं उर्वरक का संतुलित उपयोग वैज्ञानिक विधि से किया जाए तो गेहूं की पैदावार 40-50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक आसानी से प्राप्त किया जा सकता है।

अक्टूबर के दूसरे पखवारे से शुरू करें गेहूँ की बुआई

गेहूँ की बुआई

खराब मॉनसून के चलते जो फसलें खेतों में खराब हो चुकी हैं, उनके नुकसान की भरपाई के लिए बहुत ज़रूरी है कि किसान तुरंत अगली फसल की तैयारी में जुट जाएं, जो फसल खेतों में है उसकी कीटों व रोगों से रक्षा करें साथ ही साथ, इस बात का भी ध्यान रखें की अगले रबी के मौसम में कौन सी फसलें लगानी हैं, उनकी तैयारी शुरू कर दें। उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद (उपकार) ने तमाम मौसम व कृषि वैज्ञानिकों की बैठक कराकर, किसानों के लिए कृषि सुझाव जारी किए हैं, जो इस प्रकार हैं :

गेहूँ बुआई की शुरू करें तैयारी

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