जैविक खाद

जैविक खेती (Organic farming) कृषि की वह विधि है जो संश्लेषित उर्वरकों एवं संश्लेषित कीटनाशकों के अप्रयोग या न्यूनतम प्रयोग पर आधारित है तथा जो भूमि की उर्वरा शक्ति को बचाये रखने के लिये फसल चक्र, हरी खाद, कम्पोस्ट आदि का प्रयोग करती है।जैविक खाद वे सूक्ष्म जीव हैं जो मृदा में पोषक तत्वों को बढ़ा कर उसे उर्वर बनाते हैं। प्रकृति में अनेक जीवाणु और नील हरित शैवाल पाए जाते हैं जो या तो स्वयं या कुछ अन्य जीवों के साथ मिलकर वायुमण्डलीय नाइट्रोजन का यौगिकीकरण करते हैं( वातावरण में मौजूद गैसीय नाइट्रोजन को अमोनिया में परिवर्तित करते हैं)। इसी प्रकार, प्रकृति में अनेक कवक और जीवाणु पाए जाते हैं जिनमें मृदा में बंद्ध फॉस्फेट को मुक्त करने की क्षमता होती है। कुछ ऐसे कवक भी होते हैं जो कार्बनिक पदार्थों को तेजी से विघटित करते हैं जिसके फलस्वरूप मृदा को पोषक तत्व प्राप्त होते हैं। अत: जैविक खादें नाइट्रोजन के यौगिकीकरण, फॉस्फेट की घुलनशीलता और शीघ्र पोषक तत्व मुक्त करके मृदा को उपजाऊ बनाती हैं।

केंद्र सरकार की परंपरागत खेती विकास योजना

रसायनिक उर्वरकों के अंधाधुंध प्रयोग से दिनों-दिन घटती जमीन की उर्वरा शक्ति को फिर से बढ़ाने, उत्तम किस्म और ज्यादा पैदावार के लिए जिले में जैविक खेती की जाएगी। इसके लिए एक हजार एकड़ जमीन चिह्नित की गई है।

केंद्र सरकार की परंपरागत खेती विकास योजना के अंतर्गत पहले चरण में बुंदेेलखंड केे सभी जिलों समेत प्रदेश के 15 जिलों को इसमें शामिल किया गया है। इसमें जैविक खेती करने वाले किसानों के रजिस्ट्रेशन किए जाएंगे। योजना का मुख्य उद्देश्य रसायनिक खादों पर किसानों की बढ़ती निर्भरता खत्म करना है।

कृषि विभाग विल्वा द्वारा दो दिवसीय कृषि ज्ञान संगोष्ठी का आयोंजन

कृषि विभाग विल्वा द्वारा दो दिवसीय कृषि ज्ञान संगोष्ठी का आयोंजन

कृषि विभाग द्वारा आयोजित आज दिनांक 9 /03/ 2016 दो दिवसीय कृषि ज्ञान संगोष्ठी का प्रारम्भ हुआ इस संगोष्ठी में कई विभागों के कृषि वैज्ञानिकों ने तथा 200 ज्यादा किसान भाइयों ने भाग लिया संगोष्ठी के प्रारम्भ में  कृषि वैज्ञानिक  डॉ.पी. एन. राम  गुप्ता जी ने अपने भाषण में जैव खाद और जैव कीट नाशक की विस्तार से जानकारी दी उन्होंने जैविक खेती में नीम की उपयोगिता तथा उसके प्रयोग एवं प्रयोग करने की बिभिन्न प्रकार की जानकारियां प्रदान की

अमृत जल

अमृत जल

यह गोबर, गौ-मूत्र और गुड को मिला कर बनया गया एक ऐसा घोल है जिसमें अवात जीवी सूक्ष्मजीवों की संख्या और विविधता बहुत अधिक होती है। इसमें मौजूद रासायनिक तत्व मिट्टी को उपजाऊ बनाते हैं और सूक्ष्मजीव मिट्टी के भौतिक और रासानिक गुणों को बढ़ाते हैं।

अमृत जल तैयार करने के लिए आवष्यक सामग्री क्या है ?

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