अब हर जलवायु में बोएं नरेंद्र हल्दी की नई प्रजाति

अब हर जलवायु में बोएं नरेंद्र हल्दी की नई प्रजाति

आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक की मेहनत रंग लाई। उनकी ईजाद की गई हल्दी की नई प्रजाति एनडीएच-98 सभी प्रकार की जलवायु के लिए मुफीद पाई गई है। इसे न सिर्फ देश के सभी प्रांतों में उगाया जा सकेगा, बल्कि यह गुणवत्ता व मात्रा में भी श्रेष्ठ पाई गई।
हाल में ही राजस्थान में आयोजित राष्ट्रीय बीजीय मसाला अनुसंधान केंद्र में आयोजित कार्यशाला में हल्दी की इस प्रजाति को रिलीज करने की अनुमति मिली। यह प्रजाति अब रिलीज हो चुकी है। इस प्रजाति ने देशभर में नरेंद्रदेव कृषि विश्वविद्यालय व शोधकर्ता डॉ. विक्रमा प्रसाद पांडेय के कार्य का लोहा मनवाया है।
कार्यशाला में हल्दी, अदरख, सौंफ, धनिया, काली मिर्च की कुल 10 प्रजातियां प्रस्तुत की गईं। इनमें से मात्र आधा दर्जन प्रजातियां ही रिलीज हो सकीं। इनमें हल्दी की यह प्रजाति भी शामिल है। यह प्रजाति शोध निदेशालय के अंतर्गत सब्जी विज्ञान विभाग में विकसित की गई है। इस प्रजाति को विकसित किए जाने के पूर्व तीन वर्ष तक अखिल भारतीय स्तर के प्रोजेक्ट मैनेजर की देखरेख में देशभर में शोध कार्य हुआ। इसमें पाया गया कि यह प्रजाति देशभर में उगाने के लिए उपयुक्त है। प्रति हेक्टेयर 300-400 टन उत्पादन मिला। गुणवत्ता में भी इसे उच्च स्तर का पाया गया।
इस हल्दी की प्रजाति में पीलापन श्रेष्ठस्तर तक पांच प्रतिशत और लीफ ऑयल की मात्रा एक से दो प्रतिशत मिली। इतना ही नहीं, बिहार व नरेंद्रदेव कृषि विवि के कृषि विज्ञान केंद्रों ने इस प्रजाति का बीज उत्पादन भी शुरू कर दिया है। वैज्ञानिक डॉ. विक्रमा पाण्डेय बताते हैं कि इस प्रजाति का शोध कार्य भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की मदद से अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना के अंतर्गत संभव हो सका है।