अब हर मौसम प्‍याज किसानों को अच्छा मुना़फा

भले ही प्याज आपको रूलाता हो, लेकिन सेहत के नज़रिए से यह का़फी फायदेमंद है. वैज्ञानिकों का तो दावा है कि प्याज खाने से दिल संबंधी रोगों का खतरा बहुत कम हो जाता है. यही नहीं प्याज खराब कोलेस्ट्रॉल को भी शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है. प्याज में केलिसिन और रायबोफ्लेविन (विटामिन बी) पर्याप्त मात्रा में होता है. इसमें 11 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट होता है. यह जीवाणुरोधी, तनावरोधी व दर्द निवारक, मधुमेह नियंत्रक, प्रदाह निवारक, पथरी हटाने वाला और गठियारोधी भी है. भारत में तो  यह प्रतिदिन के भोजन में इश्तेमाल किया जाता है. इतने सारे गुणों और खाने में  बेहतरीन स्वाद होने के कारण प्याज हमारे के खाने में शामिल है पर अपने आसमान छुते दाम के कारण इसे खाने में शामिल करना मुश्किल सा हो गया है. कई बार ऐसे मौक़े आए जब प्याज के ब़ढे दाम ने आम जनता ही नहीं हमारी सरकार के भी नींद उ़डा दिया. पर अब वैज्ञानिकों ने प्याज की ब़ढती क़ीमत और इसकी खपत को देखते हुए अब इसकी खेती की नई तकनीकी विकसित की है. प्याज की फसल अब खरी़फ में भी बोई जाएगी. इसके  लिए फर्रु़खाबाद में किसानों को जागरूक किया जा रहा है. कुछ गांवों के  किसान खरी़फ में प्याज बोने के लिए राजी भी हो गए हैं.

प्याज को मुख्यतः रबी की फसल माना जाता है. किसान प्याज के पौधे तैयार कर दिसंबर-जनवरी में प्याज की रोपाई करते है. फसल अपै्रल-मई में तैयार हो जाती है. प्याज की बढ़ती मांग और इसके दामों में हमेशा बेतहाशा वृद्धि के चलते वैज्ञानिकों ने प्याज के पैदावार की नई तकनीक तैयार की है. कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि अभी बोए जाने वाले प्याज की अपै्रल-मई में खुदाई हो जाएगी. पहली फसल के बीज किसान सुरक्षित रख लेंगे. खेत में तैयार कर इसकी रौपाई जून महीने कर दी जाएगी. यह फसल अक्टूबर और नवंबर में तैयार हो जाएगी. वैज्ञानिकों ने बताया कि खरी़फ में प्याज की खेती के लिए किसानों को जागरूक किया जा रहा है. गांव कनपटियापुर, जैतपुर, खानपुर क्षेत्र में किसानों से बातचीत की गई है. कुछ किसान वर्ष में दौ बार प्याज की खेती करने को तैयार भी हो गए हैं. यहां के किसानों में प्याज की खेती की इस नई तकनीक से खुशी की लहर दौ़ड गई है. यहां के किसानों का कहना है कि अब हमें ज़्यादा लाभ मिलेगा. मई और जून महिने में तो खेत खाली रहते हैं. पर अब नई तकनीक के कारण इन खेतों में अगर वैज्ञानिकों की सलाह पर खरी़फ में प्याज की फसल तैयार कर लें तो अच्छा मुना़फा होगा. साथ ही यहां के किसान कहते है कि वैज्ञानिक इसके लिए अगर और अधिक पैदावार वाली नई प्रजाति विकसित करें तो परिणाम और बेहतर हो सकते हैं.