उत्तर प्रदेश में प्रिंटिंग पर्ची वितरण बंद ,गन्ना किसानों को मोबाइल फोन पर एसएमएस से ही मिलेगी पर्ची

उत्तर प्रदेश में प्रिंटिंग पर्ची वितरण बंद ,गन्ना किसानों को मोबाइल फोन पर एसएमएस से ही मिलेगी पर्ची

कोरोना वायरस के कारण समस्त देश में लॉक डाउन के चलते देश के प्राथमिक दर्जे के उद्योग चीनी उद्योग पर भी बन्दी का असर दिख रहा है।
उत्तर प्रदेश में किसानों के पास लगभग कुल उपज का20 % गन्ना अभी बचा हुआ है।
पर्ची से कोरेना की आशंका के चलते किसानों को गन्ना पर्ची अब अपने मोबाइल फोन पर एसएमएस से ही मिल जाएगी। गन्ना विभाग ने प्रिंटिंग पर्ची वितरण बंद कराने के साथ ही किसानों से अपने मोबाइल फोन दुरुस्त रखने को कहा है। वहीं प्रदेश में चीनी मिलों में गन्ना पेराई बंद होने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। छह मिलों ने गन्ना खरीद बंद कर दी है और अन्य मिलों में भी चूना आपूर्ति संकट का समाधान न होने के कारण एक सप्ताह से अधिक पेराई कर पाना संभव नहीं होगा।

गन्ना आयुक्त संजय आर भूसरेड्डी ने बताया कि कोरोना संकट को देखते हुए किसानों को एसएमएस के अलावा क्रय केंद्रों पर मौजूद सूची के आधार पर अपने गन्ने की तौल कराने की सुविधा दी गयी है। किसानों को केवल एसएमएस के साथ अपना फोटो युक्त पहचान पर दिखाना होगा। जिन किसानों के मोबाइल खो गए है या नंबर बदल गए है, उनको ई-गन्ना एप के जरिये अपना मोबाइल फोन नंबर संशोधित कराना होगा। उन्होंने कहा कि किसान अपने मोबाइल फोन का इनबॉक्स खाली रखें, ताकि मैसेज आने में कोई बाधा न हो। उन्होंने बताया कि सभी क्रय केंद्रों व मिल गेटों पर गन्ना पर्चियों की सूची चस्पा करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं।
दूसरी ओर मिलों में चीनी बनाने में जरूरी चूने की आपूर्ति सामान्य नहीं हो पा रही है। राजस्थान में चूना खदानों को बंद किए जाने के कारण सप्लाई बंद हो गयी है। सूत्रों का कहना है कि चीनी मिलों के पास औसतन एक सप्ताह का चूना स्टाक बचा है। ऐसे में अधिक दिनों तक मिलों में गन्ना पेराई हो पाना संभव नहीं होगा। आधा दर्जन चीनी मिलों में पेराई कार्य बंद भी हो चुका है। कुछ मिल समूहों ने अपने पास की दूसरी चीनी मिल में गन्ना स्थानांतरित करना शुरू कर दिया है। कम गन्ने वाली मिलों को भी बंद करने की भी तैयारी हो रही है। उप्र चीनी मिल्स एसोसिएशन ने प्रमुख सचिव चीनी उद्योग को पत्र लिखकर चूना आपूर्ति में आ रहीं बाधाओं को दूर कराने की मांग की है।