फसलों से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण देश

युद्ध हुआ तो बर्बाद हो जाएगी सीमा पर लगी 70 हजार हेक्टेयर फसल

एलओसी पर तैनात जवान
सीमा पर लगी फसलों पर फिर से पाक गोलाबारी का खतरा बन गया है। बढ़ते आतंकी हमलों से संघर्ष विराम उल्लंघन की आशंका बन गई है। इसे लेकर बार्डर और एलओसी पर लगी धान और मक्की की फसल काटने की चुनौती किसानों के सामने खड़ी है।
लखनपुर से लेकर पुंछ के मंडी तक किसान भयभीत हैं। अक्सर फसल पकने और लगाने के समय पाक की ओर से गोले बरसाए जाते हैं। जानकारी के अनुसार जम्मू संभाग में 165 किलोमीटर लंबी एलओसी और इंटरनेशनल बार्डर पर तारबंदी है।  

जम्मू, सांबा और कठुआ जिलों के इंटरनेशनल बार्डर पर फेंसिंग के इस पार बार्डर की हद में करीब 30 हजार हेक्टेयर भूमि पर इस समय धान की फसल लगी है। इसमें अधिकतर बासमती धान शामिल है।
यह फसल अक्तूबर महीने के अंत तक पक जाएगी। इन तीनों ही जिलों में बार्डर के उस पार संदिग्ध हलचल देखी जा रही है। खुफिया एजेंसियों की ओर से सतर्क किया जा रहा है कि आतंकी घुसपैठ के लिए अब बार्डर को चुन सकते हैं। इसे लेकर पाक रेंजर रिहायशी इलाकों को निशाना बना सकते हैं।

यही वजह है कि यहां रहने वाले किसान फसल को लेकर चिंतित हैं। राजोरी और पुंछ जिलों में एलओसी के पास करीब 20 हजार हेक्टेयर पर मक्की लगी है। इन क्षेत्रों में कुछ पर धान है। दोनों जिलों में एक लाख हेक्टेयर पर मक्की लगाई जाती है। इन क्षेत्रों में भी मक्की की कटाई को लेकर किसानों में डर है। 
पाक की ओर से इन क्षेत्रों में रिहायशी इलाकों को निशाना बनाया जाता है। कृषि विभाग के उप निदेशक चंद्र मोहन का कहना है कि पाकिस्तान आदत बन गई है कि फसल लगाने और काटने के वक्त किसानों को तंग करना। 

सबसे ज्यादा चिंतित वे किसान हैं, जिनकी फसल जीरो लाइन के साथ है। जीरो लाइन से एक किलोमीटर के बाद फेंसिंग लगाई गई है। इस एक किलोमीटर के दायरे में करीब दस हजार हेक्टेयर पर मक्की और धान की फसल खड़ी है। जिसे काटना किसानों के लिए चिंता का सबब है। इस क्षेत्र में आने-जाने का समय निर्धारित है। 
साभार अमर उजाला 

kisanhelp की टीम नें भारतीय सेना को बार्डर पर होने बाली सर्जिकल स्ट्राइक पर बधाइयाँ दी है kisanhelp के संरक्षक श्री सिंह ने कहा यह देश में पहली बार हुआ है की देश के सैनिकों के बलिदान का बदला लिया गया हो उन्होंने कहा हमारे शहीद जवानों के लिए यह एक श्रदांजलि है 

रही बात फसलों की तो हम पूरा देश किसी भी आपदा के लिए साधन जुटाने के लिए तैयार हैं I  पहले हमारा देश है उसका गौरव है देश की रक्षा कर रहे देश के वीर सपूतों का गौरव है हम बाद में है