जैविक खाद

खाद एक प्रकार का जैविक पदार्थ होता है जो की पेड़, पौधे और जानवरों के अवशेषों  से बनता है, जिसे बैक्टीरिया और अन्य सुक्ष्म जीवों कीसहायता से कुछसमयावधी के लिए  सड़ाया जाता है । इस प्रकार पत्ते, फलों की खाल और पशु खाद आदि खाद बनाने के लिए इस्तेमाल में लाया जा सकता है ।

पौधे मिट्टी , पानी और हवा से पोषण लेने के लिए मिट्टी में पोषक तत्वों को सोखते है। यही कारण है कि हमेंमिट्टी मे हर साल उर्वरक मिलाना पड़ता है ।

कई सालों से,किसानों ने उनकी फसलों के लिए कृत्रिम खाद "मुक्त" खाद का इस्तेमाल करना शुरू किया है। जो जैविक कृषि के अन्तरगत आता है । खाद बचे हुए खाद्य पदार्थों और अन्य कतरे से बाहर घर पर बनाया जा सकता है जिस पर और लगभग कोई खर्च नहीं किया जाता है।

 

जैविक खाद तैयार करना

जैविक कृषक,को मिट्टी को पोषकऔर समृद्ध बनाने के लिए कहीं न कहीं से शुरूआत करनी पड़ती है, और इसके लिए उसे पता होना चाहिए कि जैविक खाद बनाने के संसाधन कहाँ से प्राप्त होंगे, और जैविक खाद वह खुद कैसे बना सकता है ।

जैविक कचरा बनेगा फसलों के लिए वरदान

घरों-होटलों से निकलने वाले सब्जियों-फलों, अनाज के कचरे-छिलके, जानवरों के मलमूत्र, सिरदर्द बनते हैं फार्म अवशेष का सदुपयोग करने के लिए वर्मी कंपोस्ट तैयार करना एक अच्छा विकल्प है। वर्मी कंपोस्ट से मिट्टी में जैविक पदार्थ की मात्रा में वृद्धि होती है तथा पौधों को आवश्यक तत्त्व की संतुलित मात्रा में मिलते हैं।
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जैविक खाद प्रकार तथा उनमें पाए जाने वालें तत्व

 जैविक खादों का मृदा उर्वरता और फसल उत्पादन में महत्व
●     जैविक खादों के प्रयोग से मृदा का जैविक स्तर बढ़ता है, जिससे लाभकारी जीवाणुओं की संख्या बढ़ जाती है और मृदा काफी
उपजाऊ बनी रहती है ।  
●   जैविक खाद पौधों की वृद्धि के लिए आवश्यक खनिज पदार्थ प्रदान कराते हैं, जो मृदा में मौजूद सूक्ष्म जीवों के द्वारा पौधों को 
मिलते हैं जिससे पौधों स्वस्थ बनते हैं और उत्पादन बढ़ता है ।
●  रासायनिक खादों के मुकाबले जैविक खाद सस्ते, टिकाऊ तथा बनाने में आसान होते हैं । इनके प्रयोग से मृदा में ह्यूमस की 

जैविक खाद और कीटनियंत्रक निर्माण

१ गाय की सींग की खाद

गाय की सींग गाय का रक्षा कवच है। गाय को इसके द्वारा सीधे तौर पर प्राकृतिक ऊर्जा मिलती है। यह एक प्रकार से गाय को ईश्वर द्वारा प्रदत्त एंटीना उपकरण है। गाय की मृत्यु के 45 साल बाद तक भी यह सुरक्षित बनी रहती है। गाय की मृत्यु के बाद उसकी सींग का उपयोग श्रेठ गुणवत्ता की खाद बनाने के लिए प्राचीन समय से होता आ रहा है। सींग खाद भूमि की उर्वरता ब़ाते हुए मृदा उत्प्रेरक का काम करती है जिससे पैदावार बढ जाती है।

जैविक खादों का मृदा उर्वरता और फसल उत्पादन में महत्व

भारत एक कृषि प्रधान देश है । जिसकी अधिकतर जनसंख्या गांवों में रहती है जहां अनेक प्रकार के खाधान्नों का उत्पादन होता है । वास्तव में खाध पदार्थों का सीधा संबंध जनसंख्या से है । इस प्रकार जनसंख्या के बढ़ने के साथ साथ ये आवश्यक हो गया है कि खाधानों का उत्पादन भी बढाया जाए अतः घास के मैदान एवं जंगलों से काट कर भूमि को अधिक ऊपजाऊ बनाया जा रहा है ताकि खाधानों की उत्पादकता को बढाया जा सके लेकिन प्रदुषण मृदा अपरदन जैसी समस्याएं सामने आ रही है।

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