पशुपालन

पशुओं में वाह्य परजीवी की समस्या और उनकी रोकथाम

मानव ने सभ्यता के प्रारंभ में सर्वप्रथम पशुओं को पालतू बनाकर पालना प्रारंभ किया और उसने पाया की पशुओं से बेहतर उत्पादन प्राप्त करने के लिए उनका समुचित प्रबंधन आवश्यक है। प्रारंभ काल में उसने देखा कि कुछ अन्य जीव जो उनके पालतू पशुओं पर भोजन तथा आवास के लिए आश्रित हैं, जैसे: जोंक, किलनी तथा जुयें इत्यादि और ये जीव परजीवी जन्तु कहलाये। क्योंकि ये जीव पशु शरीर के बहार ही अपने भोजन तथा आवास के लिए आश्रित हैं अतः ये वाह्य परजीवी कहे जाते हैं। वाह्य परजीवियों में प्रमुख हैं जोंक, किलनी, जुयें, माइट्स (कुट्की या चिचड़ी), पिस्सू आदि। वर्षाऋतु, अस्वच्छता, सूर्य का प्रकाश व हवा की कमी होने की