कृषि वैज्ञानिक

कृषि उत्पादकता को बढ़ाने तथा कायम रखने में कृषि वैज्ञानिकों द्वारा किए गए कार्यों की महत्वपूर्ण भूमिका है। कृषि वैज्ञानिक खेती-फसलों तथा पशुओं पर अध्ययन करते हैं तथा उनकी मात्रा तथा गुणवत्ता में सुधार के लिए मार्ग तैयार करते हैं। वे कम श्रम के साथ फसलों की मात्रा और गुणवत्ता में सुधार, कीट तथा खरपतवारों पर सुरक्षित और प्रभावी तरीके से नियंत्रण और मृदा तथा जल संरक्षण में सुधार के उपायों के सुझाव देते हैं। वे कच्चे कृषि माल को उपभोक्ताओं के लिए आकर्षक तथा स्वास्थ्यकर खाद्य उत्पादों में परिवर्तित करने की पद्वतियों से जुड़े अनुसंधान कार्य करते हैं।

कृषि विज्ञान का जैविकीय विज्ञान से निकट का संबंध है, तथा कृषि वैज्ञानिक कृषि से जुड़ी समस्याओं को हल करने में जीवविज्ञान, रसायन विज्ञान, भौतिकी, गणित और अन्य विज्ञानों के सिद्वान्तों का प्रयोग करते हैं। वे मौलिक जैविकीय अनुसंधानों तथा जैव-प्रौद्योगिकी के जरिए प्राप्त ज्ञान को कृषि की उन्नति के लिए लागू करने के लिए अक्सर जैविक वैज्ञानिकों के साथ मिलकर कार्य करते हैं।

कई कृषि वैज्ञानिक मौलिक या अनुप्रयुक्त अनुसंधान तथा विकास के क्षेत्र में कार्य करते हैं। अन्य अनुसंधान और विकास कार्यों का प्रबंधन तथा संचालन करते हैं अथवा उन कम्पनियों में विपणन या उत्पादन कार्यों का प्रबंधन करते हैं जो खाद्य उत्पादों या कृषि रसायनों के उत्पादन, आपूर्ति तथा मशीनरी से जुड़ी हैं। कुछेक कृषि वैज्ञानिक बिजनेस फर्मों, निजी ग्राहकों या सरकार के परामर्शदाता के तौर पर कार्य करते हैं। कृषि वैज्ञानिकों के विशेषज्ञता के क्षेत्र के अनुरूप उनके द्वारा किए जाने वाले कार्यों की प्रकृति में भिन्नता रहती है।

लैब से लैंड तक रिसर्च पहुंचाएंगे देश के 20 हजार एग्रीकल्चर साइंटिस्ट

लैब से लैंड तक रिसर्च पहुंचाएंगे देश के 20 हजार एग्रीकल्चर साइंटिस्ट

एग्रीकल्चर रिसर्च सेक्टर में तेजी से युवा आ रहे हैं। यही वजह है कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) नईदिल्ली से जुड़े कृषि विवि, इंस्टीट्यूट और डायरेक्ट्रेड में आज 20 हजार एग्रीकल्चर साइंटिस्ट हैं। इनकी मदद से एग्रीकल्चर रिसर्च को लैब से लैंड तक पहुंचाया जा रहा है। मेरा गांव-मेरा गौरव योजना से इन्ह देश के 20 हजार गांवों से जोड़ा जा रहा है।

गोद लेकर कृषि वैज्ञानिक करेंगे गांवों का विकास

गोद लेकर कृषि वैज्ञानिक करेंगे गांवों का विकास

सांसद आदर्श ग्राम योजना के बाद कृषि वैज्ञानिकों और कृषि छात्रों को एक-एक गांव गोद लेना जरूरी होगा। इससे देशभर में लगभग 50 हजार गांवों में किसानों को खेती के आधुनिक तौर-तरीके समझने में सहूलियत होगी। कृषि क्षेत्र में कैरियर बनाने आए छात्रों को गांव और किसानों को नजदीक से समझने में सुविधा होगी। कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने अखिल भारतीय कृषि छात्र संघ के तीसरे वार्षिक समारोह में यह एलान किया।