गांव

ग्राम या गाँव छोटी-छोटी मानव बस्तियों को कहते हैं जिनकी जनसंख्या कुछ सौ से लेकर कुछ हजार के बीच होती है। मारवाडी भाषा मेँ गोम कहते है|प्राय: गाँवों के लोग कृषि या कोई अन्य परम्परागत काम (जैसे - मछली पकड़ना) करते हैं। गाँवों में घर प्राय: बहुत पास-पास व अव्यवस्थित होते हैं। परम्परागत रूप से गाँवों में शहरों की अपेक्षा कम सुविधाएं (शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य आदि की) होती हैं।

एक गांव में एक clustered मानव निपटान या समुदाय, एक गांव से भी बड़ा है, लेकिन एक कस्बे या शहर से छोटा है। हालांकि कई बार ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित है, शब्द शहरी गांव भी कुछ शहरी पड़ोस के लिए लागू किया जाता है ऐसे बेरूत, लेबनान में पश्चिम मैनहट्टन, न्यूयार्क सिटी और Saifi गांव में ग्राम के रूप में एस. गांवों तय आवास के साथ सामान्य रूप से स्थायी रूप से कर रहे हैं, तथापि, क्षणिक गांवों सकते हो. इसके अलावा, एक गांव के आवास काफी हद तक एक दूसरे के करीब होते हैं '

ऐतिहासिक, गांवों समुदाय का समाज के लिए सामान्य रूप थे कि अभ्यास निर्वाह कृषि, और कुछ गैर कृषि समाज के लिए भी

बूंद-बूंद पानी को तरस रहे खेत

बूंद-बूंद पानी को तरस रहे खेत

बूंद-बूंद पानी को तरस रहे खेत एक तो तपती गर्मी ऊपर से लड़खड़ाती विद्युत व्यवस्था ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है। सूखे पड़े खेत पानी की एक-एक बूंद के लिए तरस रहे हैं। नहरें-बंबे सूखे पड़े हैं। ट्यूबवेल बंद पड़े हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युतापूर्ति के नाम पर तो सिर्फ दिखावा है। आपूर्ति न होने से किसान खेतों की ¨सचाई करने के लिए तरस रहे है। मई में पड़ रही रिकार्ड तोड़ गर्मी ऊपर से विद्युत की आंख-मिचौली शहरी ही नहीं ग्रामीण क्षेत्र के लोगों का जीना मुहाल किए हुए है। विद्युतापूर्ति व्यवस्थित न होने से जहां एक ओर शहर के वा¨शदों को गर्मी, पानी के चलते परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। दूसरी ओर ग

आपदा से पशुधन बचाना सरकार की प्राथमिकता

आपदा से पशुधन बचाना सरकार की प्राथमिकता

आम बजट से गांव-गरीब और किसान को मजबूत करने के संकेत दे चुकी केंद्र सरकार इस दिशा में आगे बढ़ रही है। किसानों के लिए खेती के साथ-साथ पशुधन संवर्धन पर केंद्र का सबसे ज्यादा जोर है। कृषि अर्थव्यवस्था में 30 फीसद हिस्सेदारी रखने वाले डेयरी व पशुधन का भी प्राकृतिक आपदाओं में ध्यान रखने की कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने सख्त जरूरत बताई।

गोद लेकर कृषि वैज्ञानिक करेंगे गांवों का विकास

गोद लेकर कृषि वैज्ञानिक करेंगे गांवों का विकास

सांसद आदर्श ग्राम योजना के बाद कृषि वैज्ञानिकों और कृषि छात्रों को एक-एक गांव गोद लेना जरूरी होगा। इससे देशभर में लगभग 50 हजार गांवों में किसानों को खेती के आधुनिक तौर-तरीके समझने में सहूलियत होगी। कृषि क्षेत्र में कैरियर बनाने आए छात्रों को गांव और किसानों को नजदीक से समझने में सुविधा होगी। कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने अखिल भारतीय कृषि छात्र संघ के तीसरे वार्षिक समारोह में यह एलान किया।