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कड़ाके की ठंड और कोहरा मतलब गेहू के अच्छे दिन

कड़ाके की ठंड में इंसानों के साथ जानवरों को दिक्कत जरूर हो रही है लेकिन फसलों में खासकर गेहूं के लिए मौसम का मौजूदा मिजाज फायदे का सौदा बन गया है। पिछेती गेहूं की फसल में कल्ले फूटने के लिए जिस तरह का तापमान चाहिए, वह उसे पिछले चार-पांच दिन में मिल गया। गेहूं के अच्छे दिन के आगाज से वैज्ञानिकों को भी बंपर पैदावार का अनुमान है। करीब तीन महीने में पक कर तैयार होने वाली गेहूं की फसल की दिसंबर के अंतिम सप्ताह तक बुआई हुई थी।

खेती के ग्रेजुएट छात्रों को मिला 'प्रोफेश्नल्स' का दर्जा

खेती के ग्रेजुएट छात्रों को मिला 'प्रोफेश्नल्स' का दर्जा

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने खेती व संबंधित विषयों की ग्रेजुएशन की डिग्री को 'प्रोफेशनल डिग्री' घोषित करने की सूचना जारी कर दी है। इसके बाद अब खेती के स्नातक भी प्रोफेशनल यानि पेशेवर कहलाएंगे। इस बात का फायदा इन छात्रों को तमाम स्कालरशिप को पाने और नए उद्यमों को शुरू करने में मिलेगा।

निर्यात में बाधा बन रहे रासायनिक तत्व

निर्यात में बाधा बन रहे रासायनिक तत्व

बढ़ते रासायनिक तत्वों के उपयोग से अनाज और फल-सब्जियों की गुणवत्ता पर असर दिखाई दे रहा है। यही वजह है कि विदेशों में अधिकांश मात्रा में उत्पाद निर्यात नहीं हो पा रहा है। विदेशों में अन्य देशों से कृषि उत्पाद खरीदने के लिए अपने अलग-अलग मापदंडड तय किए हैं। इन्हीं मापदंडों को पूरा कर हम यहां के उत्पाद को निर्यात कर सकते हैं। इसके लिए किसान को रासयनिक तत्वों का निर्धारित मात्रा में उपयोग करना होगा।

मौसम विभाग ने कहा, इस साल सामान्य या अत्यधिक बारिश होगी

मौसम विभाग ने कहा, इस साल सामान्य या अत्यधिक बारिश होगी

कम मॉनसून की संभावना से इनकार करते हुए भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने बुधवार को कहा कि इस बात की 96 फीसदी संभावना है कि इस साल सामान्य या अत्यधिक बारिश होगी।

दूसरा दीर्घावधि का अनुमान जारी करते हुए मौसम विभाग के महानिदेशक लक्ष्मण सिंह राठौर ने कहा कि पश्चिमोत्तर भारत में दीर्घकालिक औसत की 108 फीसदी बारिश होगी, जबकि मध्य भारत और दक्षिणी प्रायद्वीप में एलपीए की 113 फीसदी वर्षा होगी। पूर्वोत्तर क्षेत्र में 94 फीसदी वर्षा होगी, जो सामान्य से कम है।

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