सब्जियां

टिंडा की उन्नत खेती

भूमि :-

इसको बिभिन्न प्रकार की भूमियों में उगाया जा सकता है किन्तु उचित जलधारण क्षमता वाली जीवांशयुक्त हलकी दोमट भूमि इसकी सफल खेती के लिए सर्वोत्तम मानी गई है वैसे उदासीन पी.एच. मान वाली भूमि इसके लिए अच्छी रहती है नदियों के किनारे वाली भूमि भी इसकी खेती के लिए उपयुक्त रहती है कुछ अम्लीय भूमि में इसकी खेती की जा सकती है पहली जुताई मिटटी पलटने वाले हल से करें इसके बाद २-३ बार हैरो या कल्टीवेटर चलाएँ |

जलवायु :-

लौकी की जैविक उन्नत खेती

एक बेल पर लगने वाला फल है, जो सब्जी की तरह खाया जाता है। वैकल्पिक नाम 'लउका' या 'कद्दू' है सब्‍जी के रुप में खाए जाने वाली लौकी हमारे शरीर के कई रोगों को दूर करने में सहायक होती है। यह बेल पर पैदा होती है और कुछ ही समय में काफी बड़ी हो जाती है। लौकी एक स्वास्थ्यप्रद सब्जी है जिसकी खेती इस क्षेत्र में परवल की ही तरह प्रमुखता से की जा रही है। गर्मी में तो इसकी खेती विशेष रूप से फायदेमंद है। यही वजह है कि क्षेत्रीय किसान ग्रीष्मकालीन लौकी की खेती बड़े पैमाने पर किए हैं। 

भूमि 

हाईब्रिड बैंगन की खेती

बैंगन एक पौष्टिक सब्जी है। इसमें विटामिन ए एवं बी के अलावा कैल्शियम, फ़ॉस्फ़रस तथा लोहे जैसे खनीज भी होते है। यदि इसकी उपयुक्त उत्तम क़िस्में तथा संकर किंस्में बोई जाए और उन्नत वैज्ञानिक सस्य क्रियाएं अपनाई जाएं तो इसकी फ़सल से काफ़ी अधिक उपज मिल सकती है। 

बैंगन की क़िस्में 

पूसा हाईब्रिड -5 

चीचिंडा की जैविक खेती

प्रजातियाँ :-

अधिकांशत: चिचिंडे की स्थानीय किस्मे उगाई जाती है कई राज्यों के कृषि वि. वि. भारतीय बागवानी अनुसन्धान संस्थान बंगलौर द्वारा उन्नत किस्मे विकसित की गई है जिनके नाम नीचे दिए गए है -

एच. ८ , एच - ३७१, एच.- ३७२ , को. -१ , टी.ए -१९, आइ.आइ.एच.आर.१६ ए |

भूमि :-

चिचिंडे की अधिक पैदावार लेने के लिए जीवांशयुक्त दोमट रेतीली भूमि अच्छी रहती है पहली जुताई मिटटी पलटने वाले हल से करें इसके बाद २-३ बार हैरो या देशी हल चलाएँ और पाटा लगाकर भूमि को समतल या भुरभुरा करें |

जलवायु :-

चिचिंडे के लिए गर्म एवं आद्र जलवायु अच्छी रहती है |

बीज बुवाई :-

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