जैविक खेती काे अपनाना समय की बड़ी मांगः वसुंधरा राजे
देश की कृषि काे बचाने के लिए, किसान काे खुशहाल बनाने के लिए और भारत के शहराें में रहने वाले लाेगाें की सेहत काे ध्यान में रखेत हुए अाज जैविक खेती अपनाना समय की सबसे बड़ी जरूरत है। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने ग्लाेबल राजस्थान एगरीटेक मीट में मुख्य मेहमान के ताैर पर भाषण देते हुए कहे।
उन्हाेंने कहा कि देश के अन्नदाता काे खुशहाल बनाए बगैर देश काे खुशहाल नहीं बनाया जा सकता। अाज की इस ग्लाेबल मीट का मुख्य उद्देश्य यह था कि कृषि काे अाने वाली समस्याअाें का हल निकालने के लिए गंभीरता से यत्न किए जाए। ताकि देश का किसान अपने पांव पर खड़ा हाे सके। उन्हाेंने कहा कि हमारे सामने एक बड़ी चुनाैती है कि किसान काे उसकी फसल का ठीक मुल्य किसी तरह मिल सके। इसलिए हमें असरदार और ठाेस नीतियां बनानी चाहिए। उन्हाेंने किसानाें काे संबाेधित करते हुए कहा कि अाज जमीन की बांट धर बांट हाेने के कारण और निर्माण कार्याे के कारण कृषि याेग्य भूमि लगातार घटती जा रही है।
छाेटे किसानाें के समक्ष बड़ी चुनाैती यह है कि वह अपनी कृषि ठीक प्रकार से किस तरह करें और विज्ञानिक तकनीक का इस्तेमाल किस तरह उठाए। उन्हाेंने कहा कि छाेटे किसानाें काे अापस में मिलकर खेती करनी चाहिए। ताकि वह मिलकर मशीनरी और अाैजाराें के साथ अपना काम चला सके। उन्हाेंने कहा कि राजस्थान के किसानाें काे सरकार इस संबंध में जरूरी सहायता मुहैया करवाएगी। उन्हाेंने कहा कि राजस्थान सरकार जहां जैविक खेती पर ध्यान केंद्रीत कर रही है, वहीं फसलाें की संभाल मार्किटिंग और खेती के अाैजाराें के बारे में कई प्राेजेक्टाें पर काम कर रही है, ताकि किसानाें काे लाभ मिल सके।
3200 गांवाें में बनाए गए जल भंडार
सीएम वसुंधरा राजे ने कहा कि राज्सथान में पानी की बड़ी कमी है और देश के बाकी राज्य भी इस समय पानी के संकंट से जूझ रहे हैं। उन्हाेंने कहा, सरकार इस समस्या के हल के लिए कई बड़े उपाय कर रही है। इस नजरिए से राज्य में 3200 गांवाें में जल भंडार बनाए गए है, जिनमें बारिश के पानी काे एकत्रित किया जाता है और बाद में उस पानी का इस्तेमाल कृषि के लिए किया जाता है। थाेड़े समय में इसके बहुत अच्छे नतीजे देखने काे मिले हैं।उन्हाेंने कहा कि अाने वाले समय में 4000 और गांव में भी जल भंडार बनाए जाएंगे।
किसानाें के लिए सहायक राेजगार
सीएम में बड़ी संख्या में जुड़े किसानाें से अपील की कि वह माैजूदा कृषि संकट से निकलने के लिए सहायक राेजगार अपनाए। इस संबंधी किसानाें काे दूध उत्पादन, मधुमक्खी पालन का रास्ता अपनाना चाहिए। इस काम के लिए सरकार उनकी पूरी मदद करेगी। इसके साथ वाे बड़ा मुनाफा भी कमा सकते हैं। सीएम ने कहा कि किसानाें काे अदालती झगड़ाें से राहत दिलाने के लिए सरकार विशेष यत्न कर रही है। जमीनाें से संबंधित मामले अदालत से बाहर ही निपटाने की काशिश की जा रही है। उन्हाेंने कहा कि वह फलाें और सब्जियाें की पैदावार भी अधिक से अधिक करे। सरकार का यह दृढ़ निश्चय है कि ह हालत में किसानाें काे खुशहाल बनाया जाए। इस माैके पर हर्षवर्धन ने कहा कि इस तरह के वैश्विक अायाेजनाें का किसानाें काे बहुत लभ हाेगा।