खरीफ के लिए नही चली नहर, बारिश के भरोसे किसान
खरीफ फसलों को बचाने नहर में पांच दिन पानी चलाने के बाद नहर बंद कर दी गई है। किसान अब बारिश के भरोसे हैं। मालूम हो कि देश में लगभग 55000 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ फसलें बोई गई थी जिनमें से 70 प्रतिशत फसलें अल्प वर्षा के कारण सूख गईं। अल्प वर्षा से खेतों में सूख रही फसलों को बचाने नहर में पानी छोड़ने किसी प्रदेश की सरकार ने ध्यान नही दिया सिंचाई विभाग रवी सीजन के लिए नहर में पानी चलाने की तैयारी में जुट गया है। सिचाई विभाग के अनुसार रवी फसलों के लिए नहर में पानी छोड़ा जाएगा।
किसान अब क्या करें मानसून जल्दी जानें की वजह से खेत सूख रहे है तो दूसरी ओर कुछ राज्यों में बारिश बुरा हाल बनाएं हुए है प्रतेक राज्य में नहरों की स्थिति डावाडोल है नहरों में पानी कभी कभी आता है कुछ नहरें तो ऐसी है जिनमें पानी काफी वर्षों से आया ही नहीं है किसानो को नहर में पानी तब मिलता है जब उसकी फसल तैयार होती है उस समय पानी की अधिकता फसल की बर्वादी का कारण बन जाती है
केंद्र सरकार या राज्य सरकार दोनों ही किसानों की दुर्दशा पर धयान नही दे रही हैं
सभी पार्टियाँ अपने चुनाबी वादें करती है की वों किसानो की सिचाई के लिए पानी की व्यवस्था करेंगी सरकारे आई और गई परन्तु किसानों की इस समस्या का कोई हल नही निकला किसान आज भी पानी की मार को झेल रहा है
देश में पर्याप्त मात्रा में जल संसाधन है परन्तु बह नदियों का जल जो सिचाई के लिए होना चाहिए आखिर वः कहा जाता है किसानो के हित में कार्य करने वाला विभाग अब किसानो का दुश्मन बन चूका है
सिचाई विभाग भी किसानों की बर्बादी में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है