गन्ने के साथ सहफसली मैं ले सकते हैं मूंग और उड़द
किसान अपने गन्ने की बुवाई में सही फसली के रूप में ग्रीष्मकालीन उड़द बाबू की बुवाई कर सकते हैं। गन्ना जो अक्टूबर में लगाया गया था मैं काफी बड़ा हो चुका है उसमें इसे सही पसली के रूप में नहीं ले सकते परंतु जो गन्ना फरवरी और मार्च में बुवाई हुई है उनके बीच में 60 दिन की मूंग या उड़द की फसल को आसानी से लिया जा सकता है।
बसंत कालीन गन्ने में खीरा की फ़सल भी किसानों को लाभकारी सिद्ध होती है।
किसान हैल्प के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ आर के सिंह जी के अनुसार बसन्तकालीन गन्ना बुबाई के साथ 60 दिनमे तैयार होने वाली उड़द,मूंग, खीरा गन्ने की नालियों के बीच में लगा कर अतिरिक्त आय कमा सकते हैं। किसान उसी लागत में अपनी सहफ़सली को उगा सकता है।
उन्होंने बताया कि उड़द, और मूँग से खेत में नाइट्रोजन की भी पूर्ति होगी।जिससे मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है।
सहफसली में अक्टूबर की गन्ना बुबाई में सरसों, आलू,मूली चना, मेंथी आदि का सफल प्रयोग करने वाले प्रसिद्ध गन्ना किसान चौधरी जबरपाल सिंह जी का भी कहना है कि गन्ना के साथ सहफसली के रूप में किसानों को मौसम के अनुसार फ़सल अवश्य लेनी चाहिए जिससे खेत की उर्वरता बढ़ती है साथ ही उसी लागत में अतिरिक्त आय की प्राप्ति होती है।किसानों को आय दुगनी करने के लिए अपनी ऊपज बढ़ानी होगी साथ ही सहफसली में कुछ फसलों को लेना चाहिए।