किसान हेल्प परिवार ने गणतंत्र दिवस पर देशवासियो को बधाई दी
kisanhelp केप्रमुख श्री आर.के.सिंह ने कहा कि हमारे राष्ट्र के सड़सठवें गणतंत्र दिवस के पावन अवसर पर, मैं भारत और विदेशों में बसे आप सभी को हार्दिक बधाई देता हूं। मैं,हमारी सशस्त्र सेनाओं, अर्ध-सैनिक बलों तथा आंतरिक सुरक्षा बल के सदस्यों को अपनी विशेष बधाई देता हूं। मैं उन वीर सैनिकों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं जिन्होंने भारत की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने और विधि शासन को कायम रखने के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया। 26 जनवरी 1950 को हमारे गणतंत्र का जन्म हुआ। इस दिन हमने स्वयं को भारत का संविधान दिया। इस दिन उन नेताओं की असाधारण पीढ़ी का वीरतापूर्ण संघर्ष पराकाष्ठा पर पहुंचा था जिन्होंने दुनिया के सबसे विशाल लोकतंत्र की स्थापना के लिए उपनिवेशवाद पर विजय प्राप्त की। उन्होंने राष्ट्रीय एकता, जो हमें यहां तक लेकर आई है, के निर्माण के लिए भारत की विस्मयकारी अनेकता को सूत्रबद्ध कर दिया। उनके द्वारा स्थापित स्थायी लोकतांत्रिक संस्थाओं ने हमें प्रगति के पथ पर अग्रसर रहने की सौगात दी है। आज भारत एक उदीयमान शक्ति है,एक ऐसा देश है जो विज्ञान, प्रौद्योगिकी,नवान्वेषण और स्टार्ट-अप में विश्व अग्रणी के रूप में तेजी से उभर रहा है और जिसकी आर्थिक सफलता विश्व के लिए एक कौतूहल है। हम किसानो का भी योगदान देश के निर्माण के लिए होता है मैं अपने देश के सभी किसान भाइयों से निवेदन करता हूँ के देश की अखण्डता के लिए अपना योग दान दे हम देश की अर्थव्यवस्था के एक मजबूत स्तम्भ बन कर खड़े है किसी भी परिस्तिथि में अपने देश का गौरव कम नही होने देंगे साथ ही देश के विकास के लिए हु कार्य करते रहेंगे उन्होंने कहा हम किसान काम करते है तभी हम अपने देश की 130 करोड़ जनसँख्या की भूख मिताते है अर्थात हम किसान देश का सबसे महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं और करते रहेंगे
भूख आर्थिक विकास से कदमताल मिलाकर चल रही है. एक ऐसे समय में जब अर्थव्यवस्था औसतन 7 से 8 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है, भूख की समस्या में भी इसी अनुपात में बढ़ोतरी हो रही है. यह नंगा सच राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन की नवीनतम रिपोर्ट से सामने आया है. भूख और आर्थिक वृद्धि में बड़ा मजबूत सह-संबंध है. आर्थिक वृद्धि की गति जितनी अधिक होती है, उतने ही अधिक लोग रात को भूखे सोते हैं.
यह समीकरण इस विचार को चुनौती देता है कि आर्थिक वृद्धि लोगों को गरीबी और भुखमरी से उबारती है. इस चिंताजनक रिपोर्ट से देश हिल जाना चाहिए था और वैश्विक आर्थिक समुदाय को सबक सीखने चाहिए थे, किंतु बड़े आराम से इस रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया.इन सभी समस्यायों से पार पाने के लिए हमें मिलकर सघर्ष करना होगा
इतना ही कहेना काफी नही भारत हमारा मान है
अपना फ़र्ज़ निभाओ देश कहे हम उसकी शान है |
विकसित होता राष्ट्र हमारा , रंग लाती हर कुर्बानी है
फक्र से अपना परिचय देते,हम सारे हिन्दोस्तानी है |
गणतन्त्र दिवस की आप सबको बधाई जय हिन्द जय भारत