पहले बारिश अब बाजार ने तोड़ी किसान की कमर
पहले मौसम की मार और अब बाजार भाव की चोट से किसान की तो मानो कमर ही टूटने लगी है। जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण आजकल मण्डियों में साफतौर पर देखा जा सकता है जहां एक सरसों के भाव के भाव किसान के लिए जले पर नमक का काम कर रहे हैं। किसानों की मानें तो एक तो पहले से ही बारिश के चलते सरसों की पैदावार न के बराबर हुई है और उस पर अब उसे बाजार में सरसों के भाव नहीं मिल पा रहे हैं जिसके चलते उन्हें भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है।
गौरतलब है कि एक एकड़ में जहां 25 से 30 मन सरसों पैदा हुआ करती थी बारिश और ओलावृष्टि के कारण इस बार वही पैदावार घटकर महज 8 से 12 मन रह गयी है, वहीं बारिश के चलते सरसों की फसल की गुणवत्ता पर भी प्रतिकूल असर पड़ा है। जिसके कारण किसान को महज 2500 से 2700 रुपये प्रति क्विंटल की दर से सरसों के भाव मिल रहे हैं जिसके चलते किसान के लिए जहां एक ओर मुनाफा मानो दूर की कौड़ी हो गया है वहीं उसके लिए फसल की लागत भी निकालने के लाले पड़ गए हैं।
साभार: आईबीएन-7