मृदा में घट रहे उपजाऊ पोषक तत्व

मृदा में घट रहे उपजाऊ पोषक तत्व

पहले से ही प्रकृति की मार झेल रहे किसानों के लिए मृदा में घट रही पोषक तत्व की मात्रा चिंता का कारण बन रही है। कृषि भूमि में पोषक तत्वों की कमी के चलते उर्वरा शक्ति घट रही है जिसका असर फसल उत्पादन पर पड़ रहा है। जिला मुख्यालय पर एक मात्र मिट्टी परीक्षण प्रयोग शाला में आए नतीजों के आधार पर मृदा में पोषण तत्वों की कमी सामने आ रही है।

जैविक खेती से ही बचेंगे मित्र कीट और बढ़ेगा मुनाफा

जैविक खेती से ही बचेंगे मित्र कीट और बढ़ेगा मुनाफा

·कानपुर से जुड़े लगभग 30 गाँवों में पिछले कुछ सालों में जैवि· खेती को लेकर एक नई चेतना आई है। गैरसरकारी संगठन (एनजीओ) श्रमिक भारती ने गाँव की महिलाओं के बीच जैविक खेती को लेकर न केवलजागरुकता अभियान चलाया बल्की उन्हें जैविक खेती की तकनीकें सिखाईं। इस बारे मेंएनजीओ के प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर उदय प्रकाश उपाध्याय ने बात की उमेश पंत से :

 

सवाल-जैविक खेती को लेकर आप किन किन क्षेत्रों में काम कर रहे हैं और क्या क्या?

गाय माता की कृपा मौत के बाद भी उपजाऊ बना रहीं खेतों को

गाय माता की कृपा मौत के बाद भी  उपजाऊ बना रहीं खेतों को

मध्‍यप्रदेश के खरगोन जिले के करीब 40 गांवों में जैविक खाद बनाने के लिए नायाब प्रयोग किया जा रहा है। मौत के बाद गोवंश को समाधि दे दी जाती है और करीब छह महीने बाद उससे जैविक खाद बनकर तैयार हो जाती है। इस खाद के प्रयोग से उत्पादन भी लगभग दोगुना बढ़ गया है।

गोवंश (गाय-बैल) जीते जी तो किसानों के काम आते ही हैं, मौत के बाद भी खेतों को उपजाऊ बना रहे हैं। मुख्यालय के पास गायत्री वृक्षतीर्थ मेहरजा में गौशाला के पास ही गौ समाधि स्थल बनाया गया है। यहां दो वर्षों में 50 से अधिक मवेशियों को समाधि दी गई। इनमें से 10 से खाद निकाली जा चुकी है।

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मिल्की मशरूम लगाने का सीजन आया

मिल्की मशरूम लगाने का सीजन आया

गर्मियों में मशरूम लगाने के इच्छुक किसान तैयार हो जाएं। मिल्की मशरूम लगाने का सीजन आ गया है। आम तौर पर किसान समझते हैं कि मशरूम सर्दियों में ही लगती है, मगर मिल्की मशरूम के आने के बाद यह खेती अब बारह मासी हो चुकी है।

मिल्की मशरूम लगाने वाले बीज की बुकिंग 15 मई से कृषि विभाग में हो सकती है। इस खेती के इच्छुक किसान मशरूम के शेड ठीक करने में जुट जाएं। इन दिनों भूसा चारा निकल रहा है, इसलिए इसका बंदोबस्त कर लें। 50 लिफाफे मशरूम लगाने के लिए किसानों को एक क्विंटल भूसा चारा और करीब 20-25 बोतल बीज की जरूरत होगी।

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