2016-17 के आम बजट में देश चला गाँवों की ओऱ
वित्त वर्ष 2016-17 के आम बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ग्रामीण भारत तथा सड़क और रेल के विकास को केंद्र में रखा है. उद्योग जगत पर करों के रूप में कोई नया बोझ नहीं डाला गया है, तो मध्यम आय वर्ग के लिए आवासीय किराये पर आय कर में छूट बढ़ा कर अच्छी खबर देने की कोशिश की है. सरकार का मुख्य ध्यान अभी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का है और वैश्विक मांग तथा घरेलू उत्पादन में मंदी के कारण बड़ी-बड़ी घोषणाओं का यह मौका भी नहीं है.
सूट-बूट' नहीं, धोती-गमछे का बजट
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के दीर्घकालिक लक्ष्य के साथ सोमवार को इस कृषि क्षेत्र के लिए करीब 36,000 करोड़ रुपए के आवंटन की घोषणा की, साथ ही उन्होंने अगले वित्त वर्ष के लिए कृषि ऋण का लक्ष्य बढ़ाकर 9 लाख करोड़ रुपए करने का प्रस्ताव किया।
उन्होंने कृषि ऋण पर ब्याज छूट के लिए 15,000 करोड़ रुपए का आवंटन किया जबकि नई फसल बीमा योजना के लिए 5,500 करोड़ रुपए और दलहन उत्पादन को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए 500 करोड़ रुपए का आवंटन किया।
ग्रामीण और शहरी निकायों के लिए 2.87 लाख करोड़ रुपये.
पशु कल्याण कार्यक्रम, पशु स्वास्थ्य कार्ड, ब्रीडरों को आपस में जोड़ने के लिए ई-विपणन प्लेटफार्म.
एक मई 2018 तक 100 फीसदी ग्रामीण विद्युतीकरण का लक्ष्य हासिल होगा.
2015-16 में कृषि ऋण लक्ष्य 8.5 लाख करोड़ रुपये. 2016-17 के लिए नौ लाख करोड़ रुपये.
2016-17 में कृषि के लिए 35,984 करोड़ रुपये आवंटित.
अगले तीन साल में जैविक खेती को जोत बढ़ाकर पांच लाख एकड़ किया जाएगा.
मनरेगा को मिलेगा 38,500 करोड़ रुपये.
कृषि, ग्रामीण क्षेत्र, अवसंरचना और सामाजिक क्षेत्र के लिए कोष बढ़ा.
सुधार के नौ स्तंभ-- इनमें कृषि, सामाजिक क्षेत्र, शिक्षा, अवसंरचना, वित्तीय अनुशासन और कर सुधार शामिल.
kisahelp संरक्षक श्री राधा कान्त जी ने आम बजट का स्वागत है उन्होने कहा की यह बजट किसानो एवं मजदूरों के हितों को ध्यान में रख कर बनाया गया है उन्होंने मोदी सरकार से जैविक को बढ़ावा देने की बात पर कहा कि एक छोटे से प्रदेश को जैविक बनाने के बाद उन्हें बड़े स्तर पर कार्य करना चाहिए था जो सरकार पूरी तरह से नही कर पायी बजट में अगले तीन साल में जैविक खेती को जोत बढ़ाकर पांच लाख एकड़ किया जाएगा. परन्तु यह पर्याप्त नही मेरे हिसाब से अगले ५ सालों में तो देश का दो तिहाई हिस्सा जैवक होना चाहिए देश में काम करने वाली रासायनिक कम्पनियों पर तत्काल रोक लगा देनी चाहिए