अपने बागीचे के लिए बनाएं खुद खाद

अपने बागीचे में खुद से बनाई गई खाद न केवल पैसे बचाती है बल्कि पर्यावरण के हिसाब से भी काफी बेहतरीन होती है। अगर आप सोंच रहें हैं कि इसको बनाने के लिए आपको बाजार से कुछ सामान खरीदने की आवश्‍यक्‍ता पड़ेगी तो ऐसा बिल्‍कुल भी नहीं होगा। बस आपको करना केवल यह होगा कि आपके घर का जितना भी कूडां-कबाड़ा हो उसे सम्‍भाल कर फेंके जिससे वह आपके बागीचे में काम आ सके। खाद बनाने की विधी- 1.अब सबसे पहले यह सवाल उठता है कि इस खाद को आप अपने घर में रखेगीं कहां?

धान के खेतों में बत्तखों से मजदूरी,जहरीले कीटनाशक रसायनों से तोबा !

पूर्वी उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में इन दिनों किसान धान के खेतों में बत्तखों से मजदूरी करा रहे हैं । आपको इस बात पर भले ही विश्वास न हो लेकिन पिछले दस सालों से बत्तखें इस काम को बिना पैसे के बखूबी कर रही है ।

बारिश का कहर, किसानों की नींद उड़ी 'किसानों को जबर्दस्त घाटा

मार्च महीने में चौथी बार भारी बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है। इस महीने में बारिश ने न केवल सौ साल का रिकार्ड ध्वस्त किया है, बल्कि किसानों की रही-सही उम्मीदें भी धो कर रख दी। पश्चिम विक्षोभ के कारण मार्च महीने में चौथी बार बेमौसम बारिश के साथ तेज हवाओं के झोंके ने बीती तीन बारिश के बावजूद कुछ इलाकों में संभली गेहूं केफसल को लगभग तबाह कर दिया है।

बेंवर खेती: रसायानिक खेती का बेहतर विकल्प

आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि हमलोग प्रतिदिन 0.5 मिली ग्राम जहर खाते हैं. लेकिन यह सच है. इंटरनेश्नल फाउंडेशन आफ आर्गेनिक एग्रीकल्चर मूवमेंट नामक अंतरराष्ट्रीय संस्था ने आलू के 100 नमूनों में से 12 और टमाटर के 100 नमूनों में से 48 में जहर पाया था. इसी तरह उत्तरप्रदेश के वैज्ञानिकों ने एक शोध में पाया कि हमारे शरीर में साल भर में करीब 174 मिली ग्राम जहर पहुंचता है और यह जहर अगर शरीर में एक साथ पहुंच जाए तो व्यक्ति की मृत्यु सुनिश्चित है.

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