खेत को ही खाने लगी खाद

रासायनिक खादों का अंधाधुंध प्रयोग खेत के लिए ही बड़ी चुनौती बन गया है। मिट्टी की गिरती उर्वरा क्षमता से पैदावार प्रभावित होने लगी है। खाद्य सुरक्षा के लिए पैदा हुई इस मुश्किल से सरकार की चिंताएं भी बढ़ी हैं। इस संकट से निपटने के लिए सरकार ने कई पुख्ता उपायों की घोषणा की है। इसके तहत जैविक खेती को प्रोत्साहन देने के साथ मिट्टी की उर्वरा क्षमता को बढ़ाने वाले उपायों पर जोर दिया जाएगा।

यूपी-बिहार को मिलेगा एफसीआई का बूस्टर डोज

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मिशन बिहार-उत्तर प्रदेश को एफसीआई (भारतीय खाद्य निगम) बूस्टर डोज दे सकता है। एफसीआई में सुधार के लिए गठित शांता समिति की रिपोर्ट के अमल से राजनीतिक रूप से अहम इन राज्यों में किसानों की हालत में सुधार होगा।

इसमें उनकी उपज की शत प्रतिशत खरीद एफसीआई को करने की सिफारिश की गई है। इससे जहां किसानों की बिगड़ी दशा में सुधार होगा, वहीं खाद्य सुरक्षा मजबूत होगी। एफसीआई के पुनर्गठन और इसकी कार्य प्रणाली को दुरुस्त करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सांसद शांता कुमार की अध्यक्षता में आठ सदस्यीय समिति का गठन किया था।

अधिक फायदेमंद औषधीय फसलों की खेती

परम्परागत खेती में बढ़ती लागत और कम मुनाफा होने से किसानों के लिए औषधीय फसलों की खेती काफी फायदेमंद साबित हो रही है। औषधीय फसल आर्टीमीशिया की खेती उत्तर प्रदेश के अधिकांश जिलों में किसान कर रहे हैं। लखनऊ से 75 किमी दक्षिण में बाराबंकी जिले के टांड़पुर गाँव के किसान राम सांवले शुक्ला बताते हैं, ”हमने चार वर्ष पहले आर्टीमीशिया की खेती शुरू की। इसकी खासियत है इसमें ना तो ज्य़ादा खाद की ज़रूरत होती है, और न ही सिंचाई की। शुरू में मैंने सिर्फ दो एकड़ में फ सल बोई और फायदा होने पर आज अपनी पूरी जमीन पर आर्टीमीशिया की ही खेती करते है 

बारिश का कहर, महंगी होंगी सब्जियां

 उत्तर पश्चिम भारत में पिछले दो दिनों से लगातार हो रही बेमौसम बारिश, ओले और बर्फबारी ने हाल बेहाल कर दिया है। पंजाब में बारिश के कारण गेहूं की फसल को करीब 25 फीसदी और आलू की फसल को करीब 15 से 20 फीसदी तक नुकसान पहुंचा है।

वहीं, हरियाणा के किसानों को करीब 1600 करोड़ रुपये की चपत लगी है। यहां गेहूं के उत्पादन में 10 प्रतिशत तक की गिरावट आ सकती है। यूपी के किसानों पर भी मौसम की मार पड़ी है। राज्य में गेहूं, आलू, सरसो, चना, मटर और सब्जियों की फसलें बुरी तरह प्रभावित हुई हैं।

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