बुंदेलखंड में खेत-तालाब की सबको दरकार, जैसे एक अनार सौ बीमार

बुंदेलखंड में खेत-तालाब की सबको दरकार, जैसे एक अनार सौ बीमार

बुंदेलखंड में सूखे से निपटने के लिए सरकार द्वारा घोषित दूरगामी खेत-तालाब योजना ने किसानों के अंदर एक उम्मीद जगाई है। इसीलिए अपने-अपने खेतों में तालाब बनवाने के लिए किसानों में अकुलाहट है।

 

झांसी.बुंदेलखंड में सूखे से निपटने के लिए सरकार द्वारा घोषित दूरगामी खेत-तालाब योजना ने किसानों के अंदर एक उम्मीद जगाई है। इसीलिए अपने-अपने खेतों में तालाब बनवाने के लिए किसानों में अकुलाहट है। इससे एक अनार, सौ बीमार वाला हाल नजर आने लगा है।

 

हालत यह है कि जिले भर में 250 खेत-तालाब बनने हैं और मांगने वालों का आंकड़ा 620 को पार कर गया है। इसमें सबसे ज्यादा डिमांड बामौर ब्लॉक से आई है। यहां बनाए जाने हैं 30 और आवेदन आ चुके हैं, 152 यानी कि एक के लिए पांच-पांच।

 

सिंचाई की दिक्कत वाले क्षेत्रों में मांग ज्यादा

इस योजना के तहत जिले में 250 खेत तालाब बनने हैं। यहां आठ ब्लाक हैं। इस तरह से एक-एक ब्लाक में 30-30। इस योजना के लिए उन क्षेत्रों से मांग ज्यादा आई है, जहां सिंचाई के साधन बहुत कम हैं। इसमें सबसे ज्यादा बामौर ब्लाक के किसानों ने आवेदन किए हैं। इसमें बामौर से 152, मऊरानीपुर से 125, गुरसरांय से 124, चिरगांव से 81, बबीना ब्लाक से 51 और बंगरा से 50 किसानों ने आवेदन किए हैं। इसके अलावा बड़ागांव और मोंठ ब्लाक में सिंचाई के साधन ठीक ठाक हैं, सो वहां के किसानों की दिलचस्पी इसमें कम है। बड़ागांव ब्लाक के केवल 27 और मोंठ के 13 किसान ही अपने खेत में तालाब बनवाने के इच्छुक हैं।

 

खेत-तालाब योजना है क्या?

उप निदेशक कृषि डा.यूपी सिंह बताते हैं कि इस योजना के तहत किसान के खेत में बाइस मीटर लंबा, बीस मीटर चौड़ा और तीन मीटर गहरा तालाब बनाया जाना है। इस पर 1 लाख 5 हजार रुपये खर्च होने हैं। आधा पैसा किसान को लगाना है और आधा सरकार देगी। इसके तहत 52500 रुपए अनुदान के रूप में किसान के खाते में पहुंच जाएगा। इसके लिए आवेदन करने वाले किसान का पारदर्शी किसान सेवा योजना के तहत रजिस्ट्रेशन होना जरूरी है।

 

तकनीकी सर्वे के बिना नहीं खुद सकेंगे तालाब

इस योजना में पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर खेतों का चयन किया जाएगा। इसमें भी तकनीकी सर्वे की ओके रिपोर्ट जरूरी है। इसमें जगह के चयन के वक्त ये देखा जाएगा कि उस जगह का ढलान किधर है और कितने क्षेत्र का पानी आएगा? इसमें भूमि संरक्षण अधिकारी की रिपोर्ट के बाद ही तालाब खुदवाने को मंजूरी मिल सकेगी।

 

बारिश से पहले ही खोदे जाने हैं तालाब

कृषि उपनिदेशक डा.यूपी सिंह बताते हैं कि खेतों में तालाब की खुदाई का काम बारिश से पहले ही हर हाल में कराया जाना है। इसके लिए लाभार्थियों के चयन के बाद जेसीबी मशीनों से खुदाई कराई जाएगी। तभी इसमें बरसात का पानी संचय किया जा सकेगा।