मूंग और उड़द के प्रमुख रोग और उनकी रोकथाम

दलहनी फसलो में उड़द एंव मूंग खरीफ की मुख्य फसल है। कम अवधि की फसल होने के कराण यह अंतवर्तीय व बहुफसलीय पध्दति के लिए भी उपयुक्त है। सिंचाई की सुविधा होने पर इसे ग्रीष्म ऋतु में भी उगाया जाता है। उड़द एंव मूंग की औसत उपज बहुत कम है। अतः उचित कीट एंव रोग प्रबंधन तकनीक अपनाकर उड़द एंव मूंग की उत्पादकता को बढाया जा सकता है।. देश में मूंग और उड़द को प्रोटीन का सबसे अच्छा स्त्रोत माना जाता है. इसके साथ ही खनिज लवण समेत कई  विटामिन भी पाए जाते हैं. इन दालों का सेवन  कई बीमारियों से बचाकर रखता है. ऐसे में किसानों को इनकी खेती अच्छी देखभाल के साथ करना चाहिए.

फसल उत्पादन हेतु सामयिक सलाह

गेहूँ, राई, सरसों की प्रजाति अनुसार समय से कटाई, मड़ाई, सफाई करके अच्छी तरह सुखाकर भंडारण करें।
 देर से बोयी जाने वाली चने की फसल में मार्च के अन्तिम सप्ताह में या अप्रैल के प्रथम सप्ताह में फलीछेदक सूँडी हानि पहुंचाती है। इसकी रोकथाम के लिये डाईमेथोएट 30 ई॰ सी॰ की 600 से 750 मिली मात्रा/है॰ का प्रयोग करें। अंगमारी ग्रस्त पौधों को उखाड़कर नष्ट कर दें। चना मटर में दाने पकने पर समय से काटकर, मड़ाई कर, अच्छी प्रकार सुखाकर भंडारण करें।
 ग्रीष्मकालीन मूँग की बुवाई 10 अप्रैल तक की जा सकती है अतः सरसों, मसूर, गन्ना पेड़ी के खाली खेतों में तुरन्त मूँग की बुवाई कर दें।

योगी सरकार का यूपी के लघु और सीमांत किसानों को तोहफा,जुताई-बुवाई मुफ्त कराएगी सरकार

योगी सरकार का यूपी के लघु और सीमांत किसानों को तोहफा,जुताई-बुवाई मुफ्त कराएगी सरकार

किसानों की फसलें खेत में पक कर तैयार खड़ी है। किसान कुढ़ रहा है कि फसलों को कैसे काटे। अगर नहीं काटा तो फसल खेत में ही बर्बाद हो जाएगी। कोरोना वायरस के खात्मे के लिए सरकार ने लॉकडाउन लगा रखा है।योगी सरकार ने यूपी के लघु और सीमांत किसानों को राहत देने के लिए ट्रैक्टरों से मुफ्त में खेतों की जुताई और बुवाई कराने का फैसला किया है।
योगी सरकार ने किसानों की मदद को अपना कदम बढ़ाया।पहले चरण में ये योजना यूपी के लखनऊ, वाराणसी और गोरखपुर समेत 16 जिलों में लागू की जा रही है। लॉकडाउन की वजह से किसानों को दो महीने ही मुफ्त में जुताई और बुवाई की सुविधा मिलेगी।

लॉकडाउन के चलते किसानों पर समस्या के अम्बार ,खेत से मंडी तक मुसीबत ही मुसीबत

लॉकडाउन के चलते किसानों पर समस्या के अम्बार ,खेत से मंडी तक मुसीबत ही मुसीबत

किसानों की समस्याओं का कोई हल नहीं है।। अब कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देश में लगे लॉकडाउन ने किसानों की कमर झुका दी है। लॉकडाउन के चलते किसान को अनेक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। छोटे किसान, मंझोले और बड़े किसान, सभी की तकरीबन एक जैसी समस्याएं हैं। खेत से लेकर मंडी तक किसान पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है। फसल कटाई के लिए मजदूर नहीं मिल रहे हैं। अगर किसी तरह फसल कट गई तो उसे मंडी तक ले जाने का इंतजाम नहीं है।

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