गेहूं की कटाई के बाद तैयार करें हरी खाद
Submitted by Aksh on 20 April, 2018 - 12:38गेहूं की कटाई के बाद किसान को खेत की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए हरी खाद तैयार करनी चाहिये।गेहूं 30 अप्रैल तक पूरी तरह से कट जाएगा। इसके बाद ज्यादातर खेत खाली पड़े रहते है। जिसमें किसान ढैंचा, सन, आदि की उपज लेकर हरी खाद ले सकते हैं। किसान भाई तीसरी फसल के रूप में मूंग (दलहन) की खेती कर सकते है। यह फसल 65-70 दिनों में तैयार हो जाती है। इससे भूमि की उर्वरा शक्ति भी बढ़ती है। इस दौरान किसान चाहे तो तीसरी फसल के रूप में सूरजमुखी (तिलहन) की खेती कर सकते है।
ग्लैडिओलस की खेती
Submitted by kisanhelp on 13 April, 2018 - 13:08
शल्ककन्दीय फूल के रूप में ग्लैडिओलस विश्व स्तर पर कट-फ्लावर के रूप में उगाया जाता है। भारत में इसकी खेती बंगलुरु, श्रीनगर, नैनीताल, पुणे व उटकमण्डलम में वृहत रूप से होता है। झारखण्ड के धनबाद में अब इसकी खेती छोटे पैमाने पर आरम्भ हो चुकी है। इसकी खेती गृह बाजार तथा निर्यात, दोनों हेतु किया जाता है। शीतकाल में ग्लैडिओलस का यूरोपियन देशों में निर्यात किया जाता है। जिसके कारण काफी विदेशी मुद्रा का अर्जन होता है।
किस्म
अब गन्ना एवं चीनी आयुक्त ने भी माना कि कोरॉजन के प्रयोग से गन्ना किसानों को होगा नुकसान
Submitted by kisanhelp on 5 April, 2018 - 17:45किसान हेल्प के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.आर.के. सिंह ने जो बात 4अक्टूबर 2015 को अपने के किसान जागरूपता अभियान में कही आज वही बात उत्तर प्रदेश के गन्ना एवं चीनी आयुक्त श्री संजय आर. भूसरेड्डी ने कही । डॉ.आर.के. सिंह ने कोराजन को जीवन और जमीन दोनों के लिए घातक बताया था ।उन्होंने कोराजन से होने वाले नुकसान तथा कुछ किसानों के प्रत्यक्ष प्रमाण भी दिय जिन्होंने अपनी जमीन को सुधारने के लिए डॉ.आर.के.सिंह से सलाह ली और कोराजन के दुष्प्रभाव से बचाया ।