नीम: एक अच्छा कार्बनिक उर्वरक

मैं खाद के बारे में पहले भी चर्चा की है. अब अपने समय कुछ उपलब्ध जैविक उर्वरकों पर कुछ प्रकाश डाल करने के लिए. आज के संस्करण नीम है.
वानस्पतिक नाम: Azadirachta इंडिका
आम नाम: निम, नीम, लिंबा, और निम्बा आदि
नीम मोटा और नहीं बल्कि कम स्टेम साथ एक पेड़ है. यह 12-15 मीटर तक बढ़ सकता है. नीम के बीज पेड़ से और तेल निकाला जाता है वहाँ से एकत्र कर रहे हैं. डी तेल से सना हुआ नीम केक मिट्टी के निषेचन में उपयोग किया जाता है.

क्या किसानों की आय दुगनी होगी?

क्या किसानों की आय दुगनी होगी?

क्या किसानों की आय दुगनी होगी?

 दावे के अनुसार किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करना कठिन लक्ष्य है.महंगाई को समायोजित करने के बाद देश के किसानों की आय 2003 से 2013 के बीच एक दशक में सालाना पांच फीसदी की दर से बढ़ी. इसे देखते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की अगले पांच साल में किसानों की आय दोगुनी करने की घोषणा पर संदेह होता है.

किसान हितैषी और समस्त विश्व के लिए प्रेरणा स्रोत थे अटल जी : डॉ आर के सिंह

किसान हितैषी और समस्त विश्व के लिए प्रेरणा स्रोत  थे अटल जी : डॉ आर के सिंह

अटल जी एक नेता ही नहीं बल्कि समाज सुधारक, कुशल प्रशासक, कुशल वक्ता तथा सम्पूर्ण विश्व के नेता थे।उन्होंने जीवन के किसी भी पड़ाव पर हार नहीं मानी ।
अपने बचपन के समय में ही मैने अटल जी की सभाओं में उन्हें सुना था, उनसे मुलाकात की थी, उस समय मेरी आयु 12 वर्ष की थी जब अटल जी से मुलाकात की थी मैंने जैसे ही उन्हें चरण स्पर्श किये उन्होंने मुझे गले लगा कर कहा कि आप आगामी नेता हो देश को आपकी जरूरत है आगे बढ़ कर देश को संभालने का काम करो ।उस समय मेरी समझ में कुछ नहीं आया था।उसके कुछ समय बाद ही भाजपा ने उत्तर प्रदेश में सरकार बनाई। कुछ सालों के बाद अटल जी के नेतृत्व मे भाजपा ने सरकार बनाई।

कहां खो गई हम किसानों की स्वाधीनता

कहां खो गई हम किसानों की स्वाधीनता

वैश्विक तापवृद्धि, जलवायु परिवर्तन, कुदरती आपदाओं में इजाफा और बढ़ती लागत के चलते खेती पहले से ही घाटे का सौदा है। लेकिन, अब मुक्त व्यापार नीतियों के तहत सस्ते कृषि उत्पादों का बढ़ता आयात किसानों को गहरे संकट में डाल रहा है। इससे न केवल बढ़ती आबादी के अनुरूप खाद्यान्न उत्पादन में बढोतरी की रफ्तार धीमी पड़ गई है। बल्कि, सरकारी कोशिशों के बावजूद किसानों को उनकी उपज की वाजिब कीमत नहीं मिल पा रही है। इसका सीधा असर प्रति व्यक्ति खाद्यान्न उपलब्धता और किसानों की आमदनी पर पड़ रहा है। गौरतलब है कि देश 70 वां स्वाधीनता दिवस मना रहा है। जिस उदारीकरण की नीतियों को भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए वरदान माना

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