अखरोट की खेती

अखरोट (जुगलांस प्रजातियाँ) देश का अति महत्वपूर्ण शीतोष्ण फल है। अखरोट उत्तराखण्ड का एक महत्वपूर्ण फल है जो कि केवल मुख्यतः पहाड़ी क्षेत्रों में पाया जाता हैं। अखरोट में मौजूद ओमेगा-3 व 6 फैटी अम्ल एवं 60 प्रतिशत तेल की मात्रा होने की वजह से यह पोष्टिक, औषधीय एवं औद्योगिक रूप से अत्यन्त महत्वपूर्ण है। यह रक्त में कोलेस्ट्रोल का स्तर कम करने के साथ-साथ रक्त वाहनियों की क्रियाओं के सुचारू संचालन तथा मैमोरी बढ़ाने में भी सहायक होता है।भारत में अखरोट अलग-अलग आकारों एवं आकृतियों के पाए जाते हैं। भारतीय अखरोटों की चार श्रेणियाँ अर्थात कागज़ी खोलदार, पतला-खोलदार, मध्यम खोलदार, सख्त खोलदार अखरोट है। अख

अन्नदाता मजदूर बनने को विवश

अन्नदाता मजदूर बनने को विवश

विख्यात कथाकार मुंशी प्रेमचंद की प्रसिध्द कहानी ‘पूस की एक रात’ का ‘हल्कू’ आज की इस निर्मम और संवेदनही व्यवस्था का एक सच है। देश का अन्नदाता भूखा है। उसके बच्चे भूखे हैं.

बादाम की खेती

बादाम हालांकि एक मेवा होता है, किन्तु तकनीकी दृष्टि से यह बादाम के पेड़ के फल का बीज होता है। बादाम का पेड़ एक मध्यम आकार का पेड़ होता है और जिसमें गुलाबी और सफेद रंग के सुगंधित फूल लगते हैं। ये पेड़ पर्वतीय क्षेत्रों में अधिक मात्रा में पाये जाते हैं। इसके तने मोटे होते हैं। इसके पत्ते लम्बे, चौड़े और मुलायम होते हैं। इसके फल के अन्दर की मिंगी को बादाम कहते हैं। बादाम के पेड़ एशिया में ईरान, ईराक, मक्का, मदीना, मस्कट, शीराज आदि स्थानों में अधिक मात्रा में पाये जाते हैं। इसके फल वानस्पतिक रूप से अष्ठिफल के रूप में जाने जाते हैं और उनमें एक बाह्य छिलका होता है तथा एक कठोर छाल के साथ अंदर एक

किसानों के लिए मुसीबत बना लौटता मानसून, कटाई के लिए खड़ी फसल को हो रहा नुकसान

किसानों के लिए मुसीबत बना लौटता मानसून, कटाई के लिए खड़ी फसल को हो रहा नुकसान

उत्तर भारत में पिछले तीन दिनों से हो रही बारिश से राहत तो मिली है, लेकिन किसानों के लिए मुसीबत हो गई है। कटाई के लिए खड़ी फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। खासकर धान, कपास, सोयाबीन व उड़द की फसल को। बारिश के कारण किसानों के चेहरे पर चिंता साफ देखी जा सकती है। इस बारिश से किसानों को 20 से 25 फीसदी नुकसान होने की आशंका है।

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