लीची कीउन्नत आर्गनिक खेती

लीची एक फल के रूप में जाना जाता है, जिसे वैज्ञानिक नाम से बुलाते हैं, जीनस लीची का एकमात्र सदस्य है। इसका परिवार है सोपबैरी। यह ऊष्णकटिबन्धीय फ़ल है, जिसका मूल निवास चीन है। यह सामान्यतः मैडागास्कर, भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान, दक्षिण ताइवान, उत्तरी वियतनाम, इंडोनेशिया, थाईलैंड, फिलीपींस और दक्षिण अफ्रीका में पायी जाती है।

किसानों के सुसाइड पर नेशनल पॉलिसी बनाने की जरूरत सुप्रीम कोर्ट

 किसानों के सुसाइड पर नेशनल पॉलिसी बनाने की जरूरत सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने किसानों के सुसाइड के बढ़ते मामलों को देखते हुए एक व्यापक नेशनल पॉलिसी बनाए जाने का समर्थन करते हुए सभी राज्यों, संघ शासित क्षेत्रों और केंद्र सरकार.से जवाब मांगा है। कोर्ट ने कहा कि बढ़ते कर्ज और प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसलों के नष्ट होने की वजह से किसानों के सुसाइड की घटनाएं पब्लिक इंटरेस्टव ह्यूमन राइट्स के लिहाज से बेहद गंभीर मामला है।   चीफ जस्टिस जे एस खेहर और जस्टिस एन वी रमना ने कहा, ‘व्यापक पब्लिक इंटरेस्ट और ह्यूमन राइट्स के लिहाज से यह एक सेंसेटिव मसला है, जिससे पूरा देश प्रभावित है।’   बेंच ने गुजरात में किसानों के सुसाइड के मुद्दे पर मिली पिटीशन के दायरे को खुद

फसलों में परागण हेतु भंवरे की उपयोगिता

भंवरा एक वन्य कीट है जो कृत्रिम परपरागण क्रिया में सहायक है। विदेशों जैसे कि यूरोप, उत्तर अमरीका, हालैंड, चीन, जापान, तुर्की, कोरिया आदि में भंवरा पालन बड़े पैमाने में व्यावसायिक तौर पर किया जाता है। मुख्यः इसका प्रयोग सयंत्रित प्रक्षेत्रों (हरितगृह) में फसलों के परपरागण हेतु उनकी उत्पादन एवं गुणवत्ता के स्तर को बढ़ाने के लिए किया जाता है। फसलें जैसे कि टमाटर, तरबूज, सेब, नाशपाती, स्ट्राबेरी, ब्लैकबेरी, ब्लूबेरी,कीवी इत्यादि में अच्छे उत्पादन के लिए परपरागण क्रिया पर निर्भर करती है। अतः यह आवश्यक हो जाता है कि इन फसलों की पूर्ण एवं पर्याप्त स्तर पर परागण क्रिया हो।

छत्तीसगढ़ में किसानों को निजी कंपनियों के कृषि उपकरण खरीदने पर भी मिलेगा अनुदान

छत्तीसगढ़ में किसानों को निजी कंपनियों के कृषि उपकरण खरीदने पर भी मिलेगा अनुदान

 छत्तीसगढ़ में किसानों को उनकी पसंद के गुणवत्तायुक्त कृषि यंत्र या कृषि उपकरण छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम या निजी कंपनियों के पंजीकृत विक्रेताओं से खरीदने की स्वतंत्रता है। कृषि विभाग की ओर से नियमानुसार अनुदान दिया जाता है।

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