रबी

इन फसलों की बोआई के समय कम तापमान तथा पकते समय शुष्क और गर्म वातावरण की आवश्यकता होती हैं। ये फसलें सामान्यतः अक्टूबर-नवम्बर के महिनों में बोई जाती हैं।

 

मौसम परिवर्तन के अनुरूप करें खेती

मौसम परिवर्तन के अनुरूप करें खेती

मौसम में अभी और ठंडक घुलने के इंतजार में किसान रबी फसल की बोवनी के लिए अपने खेतों को तैयार करने में जुटे है। किसान जहां खेतों में पलेवा कर रहे है तो कृषि विभाग के अधिकारी भी सोसाइटी के माध्यम से किसानों को बीज और उर्वरक मुहैया कराने की तैयारियों में जुट गए है। खुद कृषि विभाग के अधिकारियों का भी मानना है किसानों को बोवनी के लिए अभी एक पखवाड़े इंतजार करना चाहिए। गेहूं को छोड़कर अन्य फसलों की बोवनी शुरू कर देने से कोई खास नुकसान नहीं होने की बात भी अधिकारी कर रहे है। किसान बोवनी के लिए पलेवा कर जमीन को तैयार कर रहे है। लेकिन अभी मौसम में पर्याप्त ठंडक नहीं होने के कारण किसान और ज्यादा ठंडक घुलने

अखिल भारतीय किसान मेला एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी’ का आयोजन 17 अक्टूबर से

पन्तनगर कृषि विश्वविद्यालय में 17 से 20 अक्टूबर 2016 तक 100 वॉं ’’अखिल भारतीय किसान मेला एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी’

पन्तनगर किसान मेला

पन्तनगर कृषि विश्वविद्यालय में 17 से 20 अक्टूबर 2016 तक 100 वॉं ’’अखिल भारतीय किसान मेला एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी’’ का आयोजन किया जा रहा है। कृषि कुम्भ के नाम विश्व विख्यात 04 दिवसीय किसान मेले एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी में जनपद के किसानों तथा कृषि विकास से सम्बन्धित अधिकारियों को आमंत्रित किया गया है।

 

राजस्थान में अब छाई रहेगी हरियाली

राजस्थान में अब छाई रहेगी हरियाली

राजस्थान में अब छाई रहेगी हरियाली , अब फसलों के साथ फल भी ले सकेंगे किसान, बढ़ेगा अतिरिक्त आय का जरिया  कड़ी मेहनत कर फसल उत्पादन करने वाले किसानों को अतिरिक्त आय का जरिया बढ़ाने के लिए दो योजनाएं शुरू की गई है। इसके तहत किसान आने वाले समय में फसलों के साथ खेत से फल भी ले सकेंगे। इससे उनकी आय में इजाफा होगा।

खाद्य, तेल और दालों की कमी से जूझेगा देश

चालू रबी सीजन में दलहन व तिलहन की कम पैदावार को देखते हुए सरकार के लिए खाद्य प्रबंधन की चुनौतियां बढ़ गईं हैं। दाल की कमी का खामियाजा उपभोक्ता पहले से ही उठा रहे हैं। अरहर, मूंग व उड़द की दालें आम उपभोक्ता की पहुंच से बाहर हो गई हैं। रबी सीजन में भी इन दलहन फसलों की पैदावार में कमी आने का अनुमान है। खाद्य तेलों की कमी से सब्जियों का छौंका लगाना और महंगा हो सकता है।

Pages